नीतीश कुमार पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने साधा निशाना, कहा- जनता के पैसौं से पिकनिक मनाना बंद करें
By एस पी सिन्हा | Published: January 19, 2023 05:22 PM2023-01-19T17:22:04+5:302023-01-19T17:23:53+5:30
विजय सिन्हा ने कहा कि इस बात को सरकार के सहयोगी दल राजद के अध्यक्ष भी कह रहे हैं कि अगर एक यात्रा की उपलब्धि होती तो दोबारा यात्रा नहीं करनी पड़ती।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाधान यात्रा मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने तंज कसते हुए इसे व्यवधान यात्रा करार दिया है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों को पानी कर तरह बहा रहे हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार सीएम की यात्रा को लेकर श्वेत पत्र जारी करे ताकि जनता को यह पता चल सके कि आखिर सीएम की यात्रा पर कितने पैसे खर्च किए जा रहे हैं और उसका क्या लाभ हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता के पैसौं से पिकनिक मनाना बंद कर, जनता की जो समस्या हैं उसे दूर करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा कि हर साल मुख्यमंत्री की यात्रा पर करोड़ों रुपए खर्ज किए जा रहे हैं। इस साल भी मुख्यमंत्री समाधान यात्रा कर रहे हैं। एक जिले की यात्रा पर हर दिन डेढ़ से दो करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं। लेकिन यात्रा की उपलब्धि शून्य दिख रही है। विजय सिन्हा ने कहा कि इस बात को सरकार के सहयोगी दल राजद के अध्यक्ष भी कह रहे हैं कि अगर एक यात्रा की उपलब्धि होती तो दोबारा यात्रा नहीं करनी पड़ती।
मुख्यमंत्री को ऐसी यात्राओं पर श्वेत पत्र जारी करना चाहिए ताकि जनता को खर्च और उपलब्धि की जानकारी मिल सके। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनता की गाढ़ी कमाई से पिकनिक मनाना बंद करें। विजय सिन्हा ने कहा कि राज्य में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद पहली पर मुख्यमंत्री समाधान यात्रा के तहत आरा पहुंचे। आरा में पिछले साल दिसबंर कर एक दर्जन हत्याएं हुईं। प्रशासन से साठगांठ कर बालू माफिया में बालू वाले इलाकों पर कब्जा कर लिया है और पूरे भोजपुर में आतंक फैला रहे हैं। बालू माफियों बेखौफ होकर अवैध बालू खनन कर रहे हैं।
बावजूद सरकार का इसपर कोई ध्यान नहीं है। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा घटिया सड़क बनाकर सरकारी पैसे को लूटा जा रहा है। आरा-छपरा पुल दिन रात जाम से जूझता रहता है। पूरे बिहार की तरह भोजपुर में भी किसानों के धान की खरीददारी नहीं हो रही है। अरवा और उसना चावल के चक्कर में सरकार किसानों के साथ जुल्म कर रही है। वहीं भोजपुर के किसान भी खाद की समस्या से जूझ रहे हैं।