जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के मीट-भात भोज पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल, मुंगेर के जिलाधिकारी को पत्र लिखा

By एस पी सिन्हा | Published: May 24, 2023 05:56 PM2023-05-24T17:56:48+5:302023-05-24T17:58:37+5:30

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा मुंगेर में कार्यकर्ताओं को दिए गए मीट-भात के भोज पर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मुंगेर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। उन्होंने पूछा है कि सासंद मुंगेर द्वारा जिला प्रशासन को कार्यक्रम हेतु कोई विधिवत सूचना दी गई थी या नहीं?

Vijay Kumar Sinha raised questions on JDU's national president Lalan Singh's meat-rice feast bihar | जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के मीट-भात भोज पर नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल, मुंगेर के जिलाधिकारी को पत्र लिखा

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (फाइल फोटो)

Highlightsललन सिंह के द्वारा मुंगेर में कार्यकर्ताओं को दिए गए मीट-भात के भोज पर बिहार की सियासत गर्मायीनेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसे लेकर मुंगेर के जिलाधिकारी को पत्र लिखामुंगेर के जिलाधिकारी से विजय कुमार सिन्हा ने कई जवाब मांगे

पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के द्वारा मुंगेर में कार्यकर्ताओं को दिए गए मीट-भात के भोज पर बिहार की सियासत गर्मायी हुई है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसे लेकर मुंगेर के जिलाधिकारी को पत्र लिखकर जवाब मांगा है। इसके साथ ही उन्होंने नलजल योजना में हुए भ्रष्टाचार को लेकर भी मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने सरकार से पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से कराने की मांग की है।

नेता प्रतिपक्ष ने मुंगेर के जिलाधिकारी को पत्र लिख कर कहा है कि जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष -सह- मुंगेर सासंद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के द्वारा क्षेत्र की जनता हेतु भोज का आयोजन किया गया। उक्त भोज के दौरान लगभग 32 हजार से ज्यादा लोगों द्वारा भोजन करने की अपुष्ट सूचना प्राप्त हुई है। जिसे लेकर उन्होंने जिलाधिकारी से कुछ सवाल पूछे हैं।

उन्होंने पूछा है कि क्या माननीय सासंद मुंगेर द्वारा जिला प्रशासन को कार्यक्रम हेतु कोई विधिवत सूचना दी गई थी या नहीं? जब इतना बडा आयोजन था तो भीड़ को नियंत्रण एवं अन्य प्रशासनिक व्यवस्था हेतु जिला प्रशासन से क्या कोई आदेश निर्गत किया गया था। आयोजन में लगभग 32 हजार से ज्यादा लोगों को मीट-भात परोसने की जानकारी मिल रही है। क्या निगम क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर बुचडखाना(स्लाटरिंग हाउस) हेतु व्यवस्था की गई थी? जानवर का स्वस्थ्य परिक्षण एवं मांस का परिक्षण किस पशु चिकित्सक/ खाद्य सुरक्षा अधिकारी द्वारा की गई थी?

उक्त तीनों का प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया जाय। यदि बुचडखाने की व्यवस्था स्थानीय स्तर पर हुआ तो मीट की आपूर्ति करने वाले कौन थे? क्या उनके द्वारा निगम से विधिवत निबंधन प्राप्त था?  चूकि 32 हजार लोगों के लिए लगभग 8000 किलोग्राम यानी 8 टन मांस परोसा गया उक्त मीट का भुगतान किस व्यक्ति को किस माध्यम से किया गया?  8 टन तथाकथित बकरे के मांस की कीमत लगभग 40 लाख रुपये से ज्यादा होता है। इसका भुगतान किसके द्वारा किया और किसे किया गया? क्या मांस व्यवसायी द्वारा सरकार को जीएसटी का भुगतान किया गया है या नहीं? जब इतने बड़े पैमाने पर आयोजन किया गया, जिसमें मीट की कीमत ही लगभग 40 लाख रुपये से ज्यादा है तथा अन्य खर्च मिलाने पर यह करोड़ों रुपया से ज्यादा भोज में खर्च किया गया। क्या आयकर अधिनियम के तहत खर्च होने वाली राशि का टैक्स जमा किया गया है या इसमें कालाधन का उपयोग किया गया है?

Web Title: Vijay Kumar Sinha raised questions on JDU's national president Lalan Singh's meat-rice feast bihar

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