Video: सुशील मोदी ने शराब हादसे पर घेरा नीतीश कुमार को, बोले- "धनतेरस की रात करहगर में विषैली शराब पीने से 5 मरे, प्रशासन घटना पर पर्दा डाल रहा है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 28, 2022 08:18 PM2022-10-28T20:18:34+5:302022-10-28T20:22:41+5:30
सुशील मोदी ने शराबबंदी के मामले में नीतीश सरकार को घेरते हुए कहा कि बिहार का भ्रष्ट निजाम शराबबंदी को लेकर चाहे जितने बड़े-बड़े दावे करे, लेकिन सच्चाई तो यह है बिहार में पहले से ज्यादा शराब बिक रही है और इसके जरिये पैदा हो रही भ्रष्ट कमाई के कारण सरकार के आला-अधिकारी आंखें बंद किये हुए हैं।
पटना: भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने धनतेरस के दिन शराब पीने के कारण हुई 5 लोगों की मौत के मामले में सीधे नीतीश सरकार पर हमला करते हुए शासन की शराबबंदी को पूरी तरह से फेल बताया है। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार का भ्रष्ट निजाम शराबबंदी को लेकर चाहे जितने बड़े-बड़े दावे करे, लेकिन सच्चाई तो यह है बिहार में पहले से ज्यादा शराब बिक रही है और इसके जरिये पैदा हो रही भ्रष्ट कमाई के कारण सरकार के आला-अधिकारी आंखें बंद किये हुए हैं।
सुशील मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल से इस संबंध में खुद का वीडियो जारी करते हुए नीतीश सरकार पर तीखा हमला किया है। सुशील मोदी ने कहा कि शराबबंदी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने भी सरकार को कड़ी फटकार लगाई लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंगती, जिसके कारण बिहार में लगातार विषैली शराब पीने के कारण लोगों के मरने का सिलसिला जारी है। उन्होंने ट्वीट करते कहा, "रोहतास के करगहर थाना अंतर्गत ज़हरीली शराब से 5 लोगों की मौत हो गई। इस साल 50 लोग मर चुके हैं। पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी की विफलता के 9 कारण गिनाए हैं।"
रोहतास के करगहर PS अंतर्गत ज़हरीली शराब से ५ लोगों की मौत।इस वर्ष ५० लोग मर चुके।पटना हाई कोर्ट ने शराबबंदी की विफलता के ९ कारण गिनाए। pic.twitter.com/cBzeZ3JFyG
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) October 28, 2022
वीडियो में सुशील मोदी कह रहे हैं रोहतास जिले के करहगर में धनतेरस के दिन जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा लोग गंभीररूप से बीमार हैं। लेकिन प्रशासन इस पूरे मामले पर पर्दा डालने का प्रयास कर रहा है।
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि रोहतास जिला प्रशासन इस मामले में भ्रामक देकर गुमराह कर रहा है कि पांचों लोगों की मौत अज्ञात कारणों से हुई है। जबकि सच्चाई तो यह है कि जनवरी से अब तक पूरे बिहार में जहरीली शराब के कारण 50 लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार को कोई परवाह नहीं है। वो झूठे आंकड़ों और दावों के जरिये पूरी सच्चाई पर पर्दा डालना चाहती है। बांका, औरंगाबाद और सारण जैसे जिलों सहित तमाम जिलों और शहरों में स्थिति बेहद खराब है।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों शराबबंदी के मसले पर पटना हाईकोर्ट में पुर्णेंदु सिंह की बेंच ने बेहद कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा था कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह से फेल हो चुकी है और कोर्ट ने यह भी कहा था कि हमलोग मादक द्रव्यों का, नारकोटिक्स का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहे हैं। शराब तस्करी में बच्चों का प्रयोग किया जा रहा है।
इसके अलावा बिहार पुलिस का पूरा अमला केवल शराबबंदी के लिये काम कर रहा है क्योंकि उसके जरिये अवैध कमाई पैदा हो रही है। बिहार में 4 लाख से ज्यादा लोग जेलों में बंद हैं। वहीं शराब तस्कर बिहार में बेखौफ हैं और उनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है। पटना हाईकोर्ट ने 9 बिंदुओं को गिनाते हुए शराबबंदी को फेल बताया है। इसलिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस मामले को गंभीरता देखना चाहिए केवल सतही कार्रवाई करने से जनता को कोई लाभ नहीं होने वाला है। ये इतना घातक है कि कोई लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ रहा है।