राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वयोवृद्ध नेता आर हरि का निधन, केरल के कोच्चि में एक निजी अस्पताल में ली अंतिम सांस

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 29, 2023 05:22 PM2023-10-29T17:22:46+5:302023-10-29T17:23:42+5:30

रंगा हरि ने अपना पूरा जीवन संघ परिवार और उसके विचारों के प्रचार को समर्पित कर दिया। वह राज्य के पहले प्रचारक थे जो संघ में शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचे थे। हरि केरल के एर्णाकुलम जिले के निवासी थे और अपने कॉलेज के दिनों से ही संघ की गतिविधियों और कार्यक्रमों में शामिल होते थे।

Veteran leader of Rashtriya Swayamsevak Sangh R Hari passes away in a private hospital in Kochi Kerala | राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वयोवृद्ध नेता आर हरि का निधन, केरल के कोच्चि में एक निजी अस्पताल में ली अंतिम सांस

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वयोवृद्ध नेता आर हरि का निधन

Highlightsराष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वयोवृद्ध नेता आर हरि का निधनकेरल के कोच्चि में एक निजी अस्पताल में ली अंतिम सांसएक विचारक, सफल लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे रंगा हरि

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वयोवृद्ध नेता और संगठन के पूर्व बौद्धिक प्रमुख आर. हरि का केरल के कोच्चि में एक निजी अस्पताल में उम्र सबंधी बीमारियों की वजह से निधन हो गया। संघ के सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 93 वर्षीय संघ प्रचारक एक विचारक, सफल लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। रंगा हरि को संघ कार्यकर्ता हरि ‘एट्टन’ (बड़े भाई) या हरि जी के नाम से भी जानते थे।

उन्होंने अपना पूरा जीवन संघ परिवार और उसके विचारों के प्रचार को समर्पित कर दिया। वह राज्य के पहले प्रचारक थे जो संघ में शीर्ष नेतृत्व तक पहुंचे थे। हरि केरल के एर्णाकुलम जिले के निवासी थे और अपने कॉलेज के दिनों से ही संघ की गतिविधियों और कार्यक्रमों में शामिल होते थे। संस्कृत में परास्नातक हरि बाद में पूर्ण रूप से संघ कार्यकर्ता बन गए। उन्होंने संघ की प्रमुख पत्रिका 'कुरुक्षेत्र' के प्रकाशन का भी संचालन किया। संघ में राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न पदों पर अपनी भूमिका निभाने के बाद वह 1990 में संगठन के अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख बने और इस पद पर 15 साल तक रहे।

उन्होंने एशिया और ऑस्ट्रेलिया में हिंदू स्वयंसेवक संघ की गतिविधियों की भी देखरेख की। आर हरि ने मलयालम में 43, हिंदी में 11 और अंग्रेजी में दो किताबें लिखीं। हरि हिंदी, संस्कृत, गुजराती, तमिल, बांगला, असमी, मलयालम और अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं के जानकार थे। उन्होंने कई किताबों का अपनी मातृभाषा मलयालम में अनुवाद किया।

उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हरि ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा, राष्ट्र निर्माण और विचारधारा को समर्पित कर दिया। शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘संघ के पूर्व अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख रंगा हरि जी के निधन से दुखी हूं। हरि जी ने अपना पूरा जीवन मानवता की सेवा, राष्ट्र निर्माण और विचारधारा को समर्पित कर दिया। उन्होंने कई युवा स्वयंसेवकों को मातृभूमि के लिए योगदान करने के वास्ते प्रोस्ताहित किया। ’’ गृहमंत्री ने कहा, ‘‘उनका निधन संगठन के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। ओम शांति शांति!’’ हरि के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में भारतीय जनता पार्टी की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुरेंद्रन भी शामिल हैं।

Web Title: Veteran leader of Rashtriya Swayamsevak Sangh R Hari passes away in a private hospital in Kochi Kerala

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