स्वतंत्रता सेनानी वीर कुंवर सिंह की जयंती पर टूटेगा पाकिस्तान का ये वर्ल्ड रिकार्ड, अमित शाह बनेंगे गवाह
By एस पी सिन्हा | Published: April 22, 2022 06:51 PM2022-04-22T18:51:26+5:302022-04-22T18:51:26+5:30
इस समारोह में एक साथ 75 हजार राष्ट्रीय ध्वज फहराकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो यह 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो जाएगा।
पटना: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में स्वतंत्रता संग्राम के अमर सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह की धरती पर एक इतिहास रचा जाएगा। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 23 अप्रैल को भोजपुर जिले के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह के अंग्रेजों पर जीत हासिल करने की स्मृति में मनाया जाने वाला विजयोत्सव समारोह में अमित शाह मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अमित शाह 23 अप्रैल को सुबह नई दिल्ली से विशेष विमान से पटना पहुंचेंगे। एयरपोर्ट पर उनकी आगवानी बिहार भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता करेंगे। पटना एयरपोर्ट से अमित शाह हेलीकॉप्टर से जगदीशपुर जायेंगे। वहां वह दुलौर मैदान में आयोजित बाबू वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव समारोह को संबोधित करेंगे।
इस समारोह में एक साथ 75 हजार राष्ट्रीय ध्वज फहराकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जाएगा। अगर ऐसा होता है तो यह 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड' में दर्ज हो जाएगा। खास बात यह भी रहेगी कि एक साथ इतनी बड़ी सख्या में तिरंगा में लहराकर बिहार में जो रिकॉर्ड बनेगा, उससे पाकिस्तान का रिकॉर्ड टूटेगा।
भाजपा उनकी जयंती पर बिहार के आरा में शनिवार को एक मेगा शो करने जा रही है, जिसकी चर्चा देश में तो हो ही रही है, पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान तक में इसकी गूंज होगी। 80 साल की उम्र में अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले वीर कुंवर सिंह के जन्मस्थान पर शानदार आयोजन किया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में इस मेगाशो के सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं।
बताया जाता है कि एक ही कार्यक्रम में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय ध्वज फहराने का रिकॉर्ड पाकिस्तान के नाम पर है, जहां 2004 में 57632 राष्ट्रीय ध्वज एक साथ फहराए गए थे। ऐसे में भाजपा की कोशिश है कि न सिर्फ अमित शाह की उपस्थिति में बाबू वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव समारोह को ऐतिहासिक बनाया जाए बल्कि इसी बहाने तिरंगा लहराने का रिकॉर्ड भी बन जाए।
यहां तक कि गिनीज बुक वालों की ओर से एक टीम भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गई है, जो तिरंगों की गिनती की जाएगी। कहा जा रहा है कि भाजपा की कोशिश एक लाख से ज्यादा तिरंगा लहराने की है।
जानकार बताते हैं कि राष्ट्रवाद और क्षेत्रीय अस्मिता के आधार पर भाजपा वीर कुंवर सिंह की विरासत को अपनाने की कोशिश कर सकती है और इसका उसका बड़ा फायदा हो सकता है। भोजपुर के इलाके में ऐसे लोगों की बड़ी तादात है, जो मानते हैं कि वीर कुंवर सिंह के साथ ना तो इतिहासकारों ने पूरा न्याय किया और ना ही आजादी के बाद आई सरकारों ने उन्हें वह सम्मान दिया, जिसके वह हकदार है।
जानकारों के अनुसार सामाजिक स्तर पर उनकी वीरता और गाथा पूर्वांचल के एक बडे हिस्से में लोगों के बीच रची-बसी है। ऐसे में यदि भाजपा वीर कुंवर सिंह को राष्ट्रनायक के रूप में पेश करके निश्चित तौर उन लाखों-करोडों लोगों को खुश करना चाहती है, जो वीर कुंवर सिंह की वीरता और राष्ट्र के प्रति समर्पण को लेकर उनकी पूजा करते हैं।
इसे भाजपा की उस रणनीति का भी हिस्सा माना जा रहा है, जिसके तहत वह ऐसे राष्ट्रनायकों से खुद को जोड़कर जमीनी स्तर पर खुद को मजबूत कर रही है। झारखंड में बिरसा मुंडा हों या उत्तर प्रदेस में सुहेलदेव, भाजपा पिछले कुछ सालों में अलग-अलग क्षेत्रों के नायकों की विरासत से खुद को जोडने का प्रयास करती दिखती है।
ऐसे में भाजपा की ओर से इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए काफी लम्बे अरसे से तैयारी की जा रही है। मुख्य कार्यक्रम जगदीशपुर से दो किलोमीटर दूर आरा-मोहनियां मार्ग के किनारे दुलौर गांव में होगा। यहां करीब 3 लाख वर्गफीट में पंडाल बनाया गया है। भाजपा ने सभी लोगों से दलगत भावना से हटकर कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।
उल्लेखनीय है कि सन् 1857 की क्रांति को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम कहा जाता है। उसी दौरान बिहार के भोजपुर इलाके के बाबू वीर कुंवर सिंह की अंग्रेजों के साथ लडाई हुई थी। उन्होंने उस युद्ध में अंग्रेज सैनिकों को अपनी रियासत के बाहर खदेड दिया और बडी जीत हासिल की। हालांकि अंग्रेजों से जंग के दौरान कुंवर सिंह घायल हो गये।
कुछ समय तक उपचाररत रहने के बाद उनका निधन हुआ। उसी लडाई के स्मरण में हर साल जगदीशपुर में विजयोत्सव का आयोजन होता है। इस बार भाजपा ने इसे आजादी के 75 साल होने पर देश में चल रहे अमृत महोत्सव से जोड दिया है। 165 साल बाद भी भोजपुर में उनकी वीरता की गाथा लोकगीतों के माध्यम से घर-घर गूंजती है।
आज भी होली और सोहर में उनका जिक्र होता है। जगदीशपुर आरा लोकसभा सीट के तहत आता है, जहां से अभी केंद्रीय मंत्री आरके सिंह सांसद है। इससे पहले जदयू की राजपूत नेता मीना सिंह और उनके पति अजित सिंह भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।