सांसदों की सैलरी पर बोले वरुण गांधी, कहा- संपन्न सांसद छोड़ें अपना वेतन
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: January 29, 2018 09:57 AM2018-01-29T09:57:04+5:302018-01-29T09:59:03+5:30
वरुण गांधी ने सांसदो की सैलरी के आंकड़ो को भी पेश किया। उन्होंने लिखा है कि पिछले एक दशक में सांसदों के वेतन में 400 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने राजकीय कोष पर बढ़ रहे बोझ को कम करने की बात को पेश करते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के सामने अपनी बात रखी है। उन्होंने 16वीं लोकसभा में सांसदो से सैलरी ना लेने की बात कही है। उन्होंने देश के पहले पीएम पंडित जवाहर लाल नेहरू का हवाला देते हुए सुमित्रा महाजान को खत लिखकर खुद में संपन्न सांसदों के द्वारा सैलरी ना लेने की मुहिम शुरू करने की बात कही है।
वरुण ने पेश किए खत में लिखा है कि माना कि कुछ सांसद ऐसे हैं जिनके जीवन निर्वाहन का रास्ता एकमात्र उनकी सैलरी है लेकिन कुछ सासंद संपन्न भी हैं जिनको शायद इसकी इतनी जरुरत भी ना हो। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष से आग्रह किया है कि वे आर्थिक रूप से संपन्न सांसदों के बीच 16वीं लोकसभा के बाकी बचे कार्यकाल के लिए अपना वेतन छोड़ देने के लिए एक आंदोलन शुरू करें, इससे पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
इतना ही नहीं वरुण ने ये भी लिखा कि वेतन छोडने की मांग करना बहुत बड़ी मांग है तो अपनी मर्जी से खुद का वेतन बढ़ा लेने की जगह अध्यक्ष एक नया विमर्श भी पेश कर सकती हैं। जिसमें 16वीं लोकसभा के बचे कार्यकाल के लिए सांसदों के वेतन को बढ़ाए बिना जस का तस रखने का सुझाव है। जवाहर लाल नेहरु ने 1952 में हली कैबिनेट बैठक में कैबिनेट ने उस समय के देश के आर्थिक हालातों को देखते हुए सर्वसम्मति से एक फैसला लिया था कि वो तीन माह तक अपना वेतन नहीं लेंगें। उन्होंने कहा अगर सांसद संपन्न है तो उसे अपनी सैलरी छोड़ देनी चाहिए।
वरुण गांधी ने सांसदो की सैलरी के आंकड़ो को भी पेश किया। उन्होंने लिखा है कि पिछले एक दशक में सांसदों के वेतन में 400 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, इतनी बढ़ोत्तरी मुनाफा कमाने वाले नीजि क्षेत्र में भी मुमकीन नहीं लगती है। उन्होंने सुझाव दिया कि ब्रिटेन की 'रिव्यू बॉडी ऑन सीनियर सैलरी' की तरह एक स्वतंत्र वैधानिक संस्था की स्थापना की जा सकती है जो सांसद की वित्तीय क्षतिपूर्ति की जांच करेगी और फैसला करेगी।