वनीता गुप्ता : न्याय विभाग का तीसरा शीर्ष पद संभालने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी वकील

By भाषा | Published: April 25, 2021 12:08 PM2021-04-25T12:08:18+5:302021-04-25T12:08:18+5:30

Vanita Gupta: Indian-American lawyer who holds the third top post of Justice Department | वनीता गुप्ता : न्याय विभाग का तीसरा शीर्ष पद संभालने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी वकील

वनीता गुप्ता : न्याय विभाग का तीसरा शीर्ष पद संभालने वाली भारतीय मूल की अमेरिकी वकील

नयी दिल्ली, 25 अप्रैल अमेरिका में सरकारें बदलने पर अकसर मंत्रालयों में पुराने चेहरे नजर नहीं आते, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ, सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक पार्टी के 50-50 सदस्य होने पर किसी को सामान्य मतदान में 49 के मुकाबले 51 मत मिलें, ऐसा अकसर नहीं होता, लेकिन इस बार ऐसा हुआ, इस शक्तिशाली देश के न्याय मंत्रालय में कोई अश्वेत महिला तीसरे सबसे बड़े पद पर काबिज हो, ऐसा भी कभी नहीं हुआ, लेकिन इस बार यह भी हुआ, जब भारतीय मूल की वनीता गुप्ता को इन तमाम बातों के साथ देश के सहायक अटार्नी जनरल के पद के लिए चुना गया।

अपने तालों और तालीम के लिए दुनियाभर में मशहूर उत्तर प्रदेश का अलीगढ़ शहर अब वनीता गुप्ता से जुड़े होने की वजह से एक बार फिर सुर्खियों में है। वनीता के पिता राजीव लोचन तकरीबन चार दशक पहले अलीगढ़ से अमेरिका चले गए थे। वनीता का जन्म 15 नवंबर 1974 को फिलाडेल्फिया, पेंसिलवेनिया में हुआ और वहीं उनकी परवरिश भी हुई। उन्होंने येल विश्वविद्यालय से बीए की डिग्री ली और न्यूयार्क विश्वविद्यालय से ज्यूरिस डाक्टर के तौर पर पढ़ाई की।

वनीता ने 28 साल की उम्र में पढ़ाई पूरी करने के बाद न्यूयार्क स्थित एक नागरिक अधिकार संगठन और लॉ फर्म एलडीएफ के साथ वकालत के अपने करियर की शुरुआत की और टेक्सास में अश्वेत अमेरिकी नागरिकों से जुड़े नशीली दवाओं के एक मामले की पैरवी करते हुए अपने मुवक्किलों को दोषमुक्त करवाने में कामयाब रहीं। उन्होंने 2007 में अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन का स्टाफ अटार्नी बनने के बाद शरण मांगने वालों को हिरासत में रखे जाने को लेकर देश के आप्रवासन और सीमा शुल्क प्रवर्तन के खिलाफ एक मामला दर्ज किया और इसमें जीत हासिल कर नागरिक अधिकारों के एक मुखर समर्थक के रूप में अपना कद ऊंचा कर लिया।

इसी का नतीजा था कि 2014 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने वनीता को मानव अधिकार के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल की जिम्मेदारी दी और उन्हें न्याय विभाग में मानव अधिकार खंड का प्रमुख बनाया। वह 2017 तक इस पद पर रहीं। नागरिक अधिकारों के क्षेत्र में अमेरिका में बेहतर माहौल की हिमायत करने वाली वनीता की रहनुमाई में कई शहरों की पुलिस के कामकाज की समीक्षा और सुधारों का दौर शुरू हुआ। इस दौरान उन्होंने घृणा अपराधों और मानव तस्करी से जुड़े मामलों में सजा, विकलांगों को बेहतर अधिकार दिलाने देने के साथ ही शिक्षा, रोजगार, आवास और मतदान में भेदभाव समाप्त करवाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया।

अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद जो बाइडेन ने जनवरी 2021 में वनीता को देश का सहायक अटार्नी जनरल नियुक्त किया। हालांकि उनकी नियुक्ति को सीनेट की मंजूरी मिलनी बाकी थी। पिछले दिनों सीनेट ने उनकी नियुक्ति पर अपनी मुहर लगा दी। यहां यह जान लेना दिलचस्प होगा कि सीनेट में डेमोक्रेट व रिपब्लिकन सदस्यों की संख्या 50-50 होने के बावजूद उन्हें 51 वोट मिले क्योंकि एक महिला रिपब्लकन सीनेटर ने पार्टी लाइन से हटकर वनीता को वोट दिया। हालांकि बराबर मत पड़ने की सूरत में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस अपना वोट डालने के लिए सीनेट में मौजूद थीं, लेकिन उसकी नौबत ही नहीं आई। वनीता पहली नागरिक अधिकार वकील हैं और पहली अश्वेत हैं, जो न्याय मंत्रालय के शीर्ष तीन पदों में से एक पर काबिज हुई हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति ने उन्हें बधाई देते हुए बेहद योग्य और अति सम्मानित वकील बताया, जो देश में न्याय व्यवस्था को बेहतर बनाने और नस्ली भेदभाव को समाप्त करने के लिए समर्पित हैं।

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Web Title: Vanita Gupta: Indian-American lawyer who holds the third top post of Justice Department

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