बोर्ड परीक्षा से पहले 12वीं के विद्यार्थियों का टीकाकरण अहम, लेकिन अभी अव्यवहारिक : विशेषज्ञ

By भाषा | Updated: May 24, 2021 19:00 IST2021-05-24T19:00:30+5:302021-05-24T19:00:30+5:30

Vaccination of Class 12 students before board examination is important, but still impractical: Expert | बोर्ड परीक्षा से पहले 12वीं के विद्यार्थियों का टीकाकरण अहम, लेकिन अभी अव्यवहारिक : विशेषज्ञ

बोर्ड परीक्षा से पहले 12वीं के विद्यार्थियों का टीकाकरण अहम, लेकिन अभी अव्यवहारिक : विशेषज्ञ

नयी दिल्ली, 24 मई केरल और दिल्ली सहित कई राज्यों ने बोर्ड परीक्षा से पहले 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों का टीकाकरण कराने की मांग की है लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय यह अव्यवहारिक प्रतीत होता है।

उल्लेखनीय है कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के बारे में फैसला लेने के लिए रविवार को शिक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मांग की थी कि बोर्ड परीक्षा कराने से पहले विद्यार्थियों का टीकाकरण कराया जाए।

असम, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हरियाणा और मेघालय ने भी केंद्र से आह्वान किया कि परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विद्यार्थियों और शिक्षकों का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार किया जाए।

प्रमुख निजी चिकित्सा केंद्र के चिकित्सा विशेषज्ञ ने पहचान गोपनीय रखते हुए कहा, ‘‘ जब तक इस आयुवर्ग के टीकाकरण का लाइसेंस नहीं मिलेगा, आप उन्हें टीका नहीं दे सकते है। कोवैक्सिन का परीक्षण शुरू हो गया है और हम दो से 18 वर्ष आयुवर्ग पर कोविशील्ड के असर को नहीं जानते। केवल फाइजर का टीका इस आयुवर्ग के लिए उपलब्ध है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कंपनी विभिन्न देशों को टीके की आपूर्ति कर रही है लेकिन उसे यहां अब तक मंजूरी नहीं दी गई है और उसे भारत को आपूर्ति करने के लिए सहमत होना होगा। अगर भारतीय टीका सफल भी होता है, तो भी मौजूदा आयुवर्ग के लिए ही खुराक की कमी बनी हुई है। इस समय यह व्यवहारिक नहीं है।’’

काउंसिल फॉर हेल्थकेयर ऐंड फार्मा के अध्यक्ष डॉ.गुरप्रीत संधू ने कहा, ‘‘हम धीरे-धीरे सामान्य हालात की ओर जा रहे हैं और सक्रिय टीकाकरण से हालात के सामान्य होने की संभावना है, लेकिन हमारी युवा आबादी के लिए टीकाकरण अहम होगा।’’

संधू ने कहा, ‘‘दुनियाभर में देखा गया है कि बच्चों में संक्रमण हल्के लक्षण वाले या बिना लक्षण वाले होते हैं जो वयस्क आबादी के विपरीत है। छोटे बच्चों से संभावित संक्रमण को लेकर बहुत कम सबूत है, ऐसे में टीकाकरण से कुल मिलाकर संक्रमण पर प्रभाव पड़ेगा।’’

जेनस्ट्रींग डायग्नोस्टिक सेंटर ऐंड सीड्स ऑफ इनोसेंस की संस्थापक डॉ.गौरी अग्रवाल ने कहा कि विद्यार्थियों का टीकारण वक्त की जरूरत है।

उन्होंने कहा, ‘‘ टीके से गंभीर संक्रमण से रक्षा होगी और एमआईएस-सी सहित अन्य जटिलताओं से बचाव होगा जो दुलर्भ हैं लेकिन कोविड-19 संक्रमित बच्चों में इन बीमारियों का खतरा है।

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