Joshimath Cracks: अब उत्तराखंड के शंकराचार्य मठ में भी पड़ी दरारें, ज्योतिर्मठ के लोगों में भय, स्वामी विश्वप्रियानंद ने 'विकास' को बताया आपदा का कारण

By अनिल शर्मा | Published: January 8, 2023 11:24 AM2023-01-08T11:24:41+5:302023-01-08T11:33:41+5:30

विश्वप्रियानंद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "विकास अब विनाश का कारण बन गया है क्योंकि पनबिजली परियोजनाओं और सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है। 15 दिनों से पहले कोई दरार नहीं थी, लेकिन इन दिनों मठ में दरारें लगातार बढ़ रही हैं।"

Uttarakhand Jyotirmath Now Shankaracharya Matth also develops cracks Swami Vishwapriyanand | Joshimath Cracks: अब उत्तराखंड के शंकराचार्य मठ में भी पड़ी दरारें, ज्योतिर्मठ के लोगों में भय, स्वामी विश्वप्रियानंद ने 'विकास' को बताया आपदा का कारण

फोटोः ANI

Highlightsजोशीमठ में भू-धंसाव से स्थिति गंभीर बनी हुई है। अबतक 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं।ज्योतिर्मठ क्षेत्र में शंकराचार्य मठ में भी पिछले 15 दिनों में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं।

चमोलीः जोशीमठ में भू-धंसाव जारी है और स्थिति गंभीर बनी हुई है। अबतक 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। वहीं खबर है कि हिंदू मठों में से एक ज्योतिर्मठ क्षेत्र में शंकराचार्य मठ में भी पिछले 15 दिनों में कई जगहों पर दरारें आ गई हैं। मठ में लोग डरे हुए हैं। मठ के प्रमुख स्वामी विश्वप्रियानंद ने 'विकास' को आपदा का कारण बताया है।

विश्वप्रियानंद ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "विकास अब विनाश का कारण बन गया है क्योंकि पनबिजली परियोजनाओं और सुरंगों ने हमारे शहर को प्रभावित किया है। 15 दिनों से पहले कोई दरार नहीं थी, लेकिन इन दिनों मठ में दरारें लगातार बढ़ रही हैं।"

जोशीमठ शहर को ज्योतिर्मठ भी कहा जाता है। यह भगवान बद्रीनाथ की शीतकालीन गद्दी है, जिनकी मूर्ति हर सर्दियों में जोशीमठ के मुख्य बद्रीनाथ मंदिर से वासुदेव मंदिर में लाई जाती है। जोशीमठ का पवित्र शहर हिंदुओं द्वारा देश के एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल के रूप में पूजनीय है।

इस बीच, जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों के लिए व्यवस्था में जुटा हुआ है। घरों में दरारें दिखने के बाद अब तक कुल 66 परिवार जोशीमठ से पलायन कर चुके हैं। जिला प्रशासन ने प्राकृतिक आपदा से प्रभावित परिवारों के लिए सुरक्षित राहत शिविरों में रहने की व्यवस्था की है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बीती रात राहत शिविरों का दौरा कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

वहीं शनिवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीजमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए जोशीमठ का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने उन घरों का भी दौरा किया, जिनकी दीवारों और छत में चौड़ी दरारें आ गई हैं। धामी प्रभावित परिवारों से मिलने के दौरान भावुक हो गए। उन्होंने वृद्धों से लेकर उम्र भर के लोगों से मुलाकात की। बच्चों को अपनी समस्याओं से रूबरू कराना। मुख्यमंत्री ने कहा, "हमारी कोशिश सभी को सुरक्षित बनाने की है। जरूरी इंतजाम के लिए तैयारियां की जा रही हैं। हमारा पहला काम लोगों को सुरक्षित इलाकों में पहुंचाना है।"

मुख्यमंत्री ने बताया कि आईआईटी रुड़की जैसे प्रमुख संस्थान और इसरो के साथ बातचीत कर रहे हैं ताकि कारण का पता लगाया जा सके।बकौल सीएम धामी- "भूवैज्ञानिक काम कर रहे हैं। गुवाहाटी संस्थान के अलावा, आईआईटी रुड़की भी इसरो के साथ बातचीत कर रहा है। हर कोई कारणों का पता लगाने की कोशिश कर रहा है।"

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