उत्तराखंड कांग्रेस में बवाल जारी, विधानसभा में नेता विपक्ष नियुक्त किए गए यशपाल आर्य, आधे से ज्यादा विधायक रहे नदारद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 18, 2022 08:18 PM2022-04-18T20:18:51+5:302022-04-18T20:19:55+5:30
कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, माहरा तथा विधायक ममता राकेश, अनुपमा रावत, सुमित हृदयेश, मनोज तिवारी आदि कई नेता उपस्थित रहे।
देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा में नेता विपक्ष नियुक्त किए गए यशपाल आर्य ने सोमवार को अपना कार्यभार संभाल लिया लेकिन कांग्रेस में एकता के दावे के विपरीत आधे से ज्यादा विधायक कार्यक्रम से नदारद रहे।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के रविवार को कार्यभार ग्रहण करने के कार्यक्रम में भी हाल में सांगठनिक बदलाव से कथित तौर पर नाराज विधायकों ने शिरकत नहीं की थी। आर्य के कार्यभार ग्रहण के मौके पर कांग्रेस महासचिव और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, माहरा तथा विधायक ममता राकेश, अनुपमा रावत, सुमित हृदयेश, मनोज तिवारी आदि कई नेता उपस्थित रहे।
हालांकि, माहरा, आर्य तथा राज्य विधानसभा में उप-नेता भुवन चंद्र कापड़ी की नियुक्ति से कथित तौर पर नाराज चल रहे चकराता से विधायक प्रीतम सिंह, धारचूला से विधायक हरीश धामी, बदरीनाथ से विधायक राजेंद्र भंडारी, द्वाराहाट से विधायक मदन बिष्ट सहित कई अन्य विधायक कार्यक्रम से दूर रहे।
इस बारे में माहरा और आर्य ने कहा कि पार्टी में कहीं कोई नाराजगी नहीं है और विधायक अपने विधानसभा क्षेत्रों में होने के कारण कार्यक्रम में नहीं आ पाए। माहरा ने कहा कि वैसे भी अगर किसी को कोई शिकायत है तो वह पार्टी मंच पर अपनी बात रख सकता है।
फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद हाल में पार्टी आलाकमान ने माहरा को प्रदेश अध्यक्ष, चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में लौटे आर्य को नेता विपक्ष और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा में पटखनी देकर पहली बार विधायक बने भुवन चंद्र कापड़ी को विधानसभा में उपनेता नियुक्त किया था।
इन नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए धारचूला से विधायक ने जहां अपनी अनदेखी किए जाने और नियुक्तियों में योग्यता न देखे जाने का खुलकर आरोप लगाया, वहीं अन्य विधायक भी इससे कथित तौर पर नाराज बताए जा रहे हैं। हरीश धामी ने यहां तक कहा कि अगर पार्टी इसी प्रकार उनकी अनदेखी करती रही तो वह 2027 में होने वाला अगला विधानसभा चुनाव धारचूला से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लड़ सकते हैं।