उत्तराखंडः मुख्यमंत्री धामी ने प्रदर्शन कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए, नकल करने-कराने वालों को लेकर लिया ये बड़ा फैसला
By अनिल शर्मा | Published: February 10, 2023 08:41 AM2023-02-10T08:41:07+5:302023-02-10T08:50:29+5:30
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन दे दिया। इस अध्यादेश में दोषियों के लिए जुर्माने से लेकर सजा तक के सख्त प्रावधान हैं।
देहरादूनः उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को भर्ती परीक्षा घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवाओं पर लाठीचार्ज की घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को अनुमोदन दे दिया। इस अध्यादेश में दोषियों के लिए जुर्माने से लेकर सजा तक के सख्त प्रावधान हैं।
गौरतलब है कि भर्तियों में गड़बड़ी की CBI जांच की मांग को लेकर गुरुवार देहरादून के मुख्य राजपुर रोड पर प्रदर्शन कर रहे बेरोजगार युवकों और पुलिस बल के बीच झड़प हुआ था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने पथराव करने लगे जिसके बाद उन पर लाठीचार्ज किया गया था।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को कानून व्यवस्था की स्थिति और लाठीचार्ज के पूरे क्रम की विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। सभी तथ्यों और परिस्थितियों की जांच के बाद विस्तृत जांच रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी। https://t.co/XjaOrchpD2
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 10, 2023
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, बुधवार को यहां गांधी पार्क में बेरोजगार संघ के धरने और इस दौरान हुए पथराव की वजह से क़ानून— व्यवस्था की विषम परिस्थिति उत्पन्न हो गई थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य सचिव को कानून व्यवस्था की स्थिति और लाठीचार्ज के पूरे क्रम की विस्तृत मजिस्ट्रियल जांच के निर्देश दिए हैं। सभी तथ्यों और परिस्थितियों की जांच के बाद विस्तृत जांच रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी।
प्रतियोगी परीक्षा अध्यादेश 2023 के मुख्यमंत्री द्वारा अनुमोदन किए जाने के बाद यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो उसके लिए भी आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रू तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख रू के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो उसके लिए न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख रू जुर्माने का प्रावधान किया गया है।