उत्तर प्रदेश: 10 दलितों की हत्या का फैसला आया 42 साल बाद, 90 साल के बुजुर्ग को हुई उम्रकैद की सजा

By अंजली चौहान | Published: June 2, 2023 11:22 AM2023-06-02T11:22:32+5:302023-06-02T11:26:41+5:30

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में 1989 में हुए सामूहिक हत्याकांड का फैसला कोर्ट ने सुना दिया है और 42 साल बाद आरोपी गंगा दयाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है।

Uttar Pradesh Verdict for killing 10 Dalits came after 42 years 90-year-old sentenced to life imprisonment | उत्तर प्रदेश: 10 दलितों की हत्या का फैसला आया 42 साल बाद, 90 साल के बुजुर्ग को हुई उम्रकैद की सजा

फाइल फोटो

Highlights42 साल पहले फिरोजाबाद के एक गांव में 10 दलितों की हत्या हुई थी इसके आरोप में 10 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था10 आरोपियों में से 9 की पहले मौत हो गई एक को अब सजा सुनाई गई है

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में कानूनी लड़ाई और इंसाफ की एक लंबी लड़ाई के बाद करीब 42 साल बाद एक केस में फैसला आया है। यह मामला 42 साल पुराना 10 दलितों की हत्या का है जिसमें दोषी एक 90 वर्षीय बुजुर्ग है।

अदालत ने मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और दोषी को 55,000 रुपये का जुर्माना भरने का भी निर्देश दिया है। इस घटना के आरोपी 90 वर्षीय गंगा दयाल है वहीं, अन्य आरोपियों की पहले ही मौत हो चुकी है। 

42 साल पहले हुई हत्याओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस घटना के सामने आने के बाद कानून व्यवस्था पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। इस नरसंहार से न सिर्फ यूपी बल्कि पूरे देश में लोगों को हैरान कर दिया था। 

अदालत ने कहा कि जुर्माने की अदायगी में चूक की स्थिति में आरोपी को 13 महीने की अतिरिक्त कैद सजा काटनी होगी। 

क्या है पूरा मामला?

यह मामला साल 1981 का है जब फिरोजाबाद के थाना मक्खनपुर इलाके के गांव साडूपुर हिंसा हुई थी जिसमें 10 दलितों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी और 2 लोग घायल हो गए थे। घटना के संबंध में मामला दर्ज किया गया था। जांच के दौरान 10 लोगों को आरोपी के रूप में पहचाना गया था।

मामला आईपीसी की धारा 302 और 307 के तहत दर्ज किया गया था। शुरू में मामले की सुनवाई मैनपुरी में हुई और बाद में फिरोजाबाद को अलग जिला बनाने के बाद मामला फिरोजाबाद की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया।

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद, फिरोजाबाद जिला बनने के बाद, मामला फिरोजाबाद स्थानांतरित कर दिया गया था। गंगा सहाय, जो जीवित एकमात्र अभियुक्त था, को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और जिला अदालत ने 55,000 रुपये का जुर्माना लगाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

बता दें कि उत्तर प्रदेश में हुए इस नरसंहार ने राजनीतिक गलियारों में खलबली मचा दी थी। सामूहिक हत्याकांड के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने साडूपुर गांव का दौरा किया था। वहीं, विपक्ष में रहे नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी गांव का दौरा किया था और पैदल मार्च भी किया था।

Web Title: Uttar Pradesh Verdict for killing 10 Dalits came after 42 years 90-year-old sentenced to life imprisonment

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