पुलिस हिरासत मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर, केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी

By शिवेंद्र राय | Published: July 27, 2022 03:19 PM2022-07-27T15:19:58+5:302022-07-27T15:26:41+5:30

केंद्र सरकार ने संसद में बताया है कि पिछले दो सालों में 4484 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। ये आंकड़े 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के हैं। केंद्र सरकार ने यह आंकड़ा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से दी गई जानकारी के आधार पर जारी किया।

Uttar Pradesh tops in case of death in police custody Central government in Parliament | पुलिस हिरासत मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर, केंद्र सरकार ने संसद में दी जानकारी

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsसरकार ने संसद में बताया, कितने लोगों की पुलिस हिरासत में मौत हुईपुलिस हिरासत में मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे उपरपिछले दो साल में 233 लोग एनकाउंटर में मारे गए

नई दिल्ली: संसद में केंद्र सरकार ने एक सवाल के जवाब मे बताया है कि पिछले दो साल में पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा मौत की घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुई हैं। लोकसभा में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के सदस्य सांसद अब्दुस्समद समदानी ने ये सवाल किया था।

इसका जवाब देते हुए गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि पिछले दो सालों में 4484 लोगों की मौत पुलिस हिरासत में हुई है। ये आंकड़े 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2022 तक के हैं। संसद में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा दी गई सूचना के मुताबिक साल 2020-21 में हिरासत में मौत से जुड़े 1940 केस दर्ज किए गए।

वहीं साल 2021-22 में ऐसे 2544 मामले दर्ज किए गए। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के दिए आंकड़ों से ये भी सामने आया कि पुलिस हिरासत में पिछले दो साल में हुई मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे उपर है। यूपी में  2020-21 में पुलिस हिरासत में 451 लोगों की मौत हुई। वहीं 2021-22 में यूपी फिर से 501 लोगों ने पुलिस हिरासत में अपनी जान गंवाई।

हिरासत में मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश का नंबर आता है। पश्चिम बंगाल की बात करें तो यहां 2020-21 में हिरासत में मौत से जुड़े 185 और साल 2021-22 में ऐसे 257 मामले दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश में 2020-21 में पुलिस कस्टडी में 163 लोगों की मौत हुई। वहीं साल 2021-22 में मध्य प्रदेश में ऐसे 201 मामले दर्ज किए गए।

सरकार में संसद में एनकाउंटर से जुड़ी जानकारी भी दी। गृह मंत्रालय की दी गई जानकारी के मुताबिक 2020-21 में पुलिस एनकाउंटर में 82 मौतें हुईं, जबकि 2021-22 में 151 मामले दर्ज किए गए। 2020-21 में सबसे अधिक पुलिस मुठभेड़ में मौतें माओवादी प्रभावित छत्तीसगढ़ में दर्ज की गईं, जबकि इस दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में पुलिस एनकाउंटर में 45 मौतें हुई हैं। 

केंद्र सरकार ने यह आंकड़ा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से दी गई जानकारी के आधार पर जारी किया है। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि कानून और व्यवस्था राज्य के विषय हैं। गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा बताया कि लोगों के मानवाधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार प्राथमिक रूप से जिम्मेदार है। हालांकि केंद्र सरकार समय-समय पर एडवाइजरी जारी करती है।

Web Title: Uttar Pradesh tops in case of death in police custody Central government in Parliament

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे