उत्तर प्रदेश : पूर्व सैनिक के कथित पुलिस उत्पीड़न की जांच को एसआईटी गठित
By भाषा | Published: July 13, 2021 09:57 PM2021-07-13T21:57:48+5:302021-07-13T21:57:48+5:30
प्रयागराज, 13 जुलाई उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सूचित किया कि भारतीय सेना के पूर्व सैनिक के आरोपों की जांच के लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है। पूर्व सैनिक ने याचिका दाखिल कर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा उत्पीड़न और मारपीट का आरोप लगाया है।
राज्य सरकार द्वारा अदालत को यह भी बताया गया कि एसआईटी पूर्व सैनिक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी की भी जांच करेगी और यदि प्रारंभिक जांच में आरोपी पुलिस अधिकारी दोषी पाये जाते हैं तो उनकी गिरफ्तारी समेत आगे की कार्रवाई की जाएगी। न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केसरवानी और न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने इस मामले की अगली सुनवाई 16 जुलाई को निर्धारित की है।
अदालत के पूर्व के आदेश के तहत पुलिस महानिदेशक ने सोमवार को हलफनामा दाखिल किया जिसके आधार पर राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि उप निरीक्षक सुनील कुमार शर्मा और जांच अधिकारी राम नरेश सिंह सहित आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है और प्रारंभिक जांच भी की जा रही है।
इससे पहले आठ जुलाई को चोट की रिपोर्ट और पूर्व सैनिक द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी को देखने के बाद अदालत ने कहा, “प्रथम दृष्टया यह बहुत दुखद स्थिति दर्शाती है। यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत याचिकाकर्ता को मिले मौलिक अधिकारों का आरोपी पुलिस अधिकारियों और पुलिसकर्मियों द्वारा हनन दर्शाता है।” इस मामले को गंभीर मानते हुए और इस पर गंभीरता से विचार की जरूरत बताते हुए अदालत ने पुलिस महानिदेशक को अपना निजी हलफनामा दाखिल कर इस मामले में की गई कार्रवाई बताने को कहा था।
पूर्व सैनिक रेशम सिंह द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने महाधिवक्ता को इस मामले में अदालत का सहयोग करने का अनुरोध किया और 12 जुलाई को इस मामले की अगली सुनवाई नए सिरे से करने का निर्देश दिया।
उक्त घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। याचिका के मुताबिक इस साल दो मई को रेशम सिंह अपनी मां और दो बहनों के साथ पीलीभीत से लखीमपुर खीरी जा रहे थे और सुबह करीब नौ बजे पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और कार के कागजात दिखाने को कहा। कागजात निकालने में देरी होने पर पुलिस अधिकारियों ने रेशम सिंह और उसके परिजनों को कथित तौर पर गाली देना शुरू कर दिया। गाली देने से मना करने पर पुलिस अधिकारी आक्रोश में आ गए और रेशम सिंह एवं उनके परिजनों को जिंदगी भर का सबक सिखाने की धमकी देते हुए उन्हें मारना पीटना शुरू कर दिया और पुलिस थाने ले गए।
याचिका के अनुसार पुलिस अधिकारियों ने रेशम सिंह को खाट से बांधा और लगातार दो घंटे तक डंडों से बुरी तरह से पीटा। इससे उनकी पीठ और कमर में गंभीर चोटें आईं। इसके बाद पूर्व सैनिक ने उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई और सेना के अस्पताल में अपना इलाज कराया।
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