यूपी से 11 राज्य सभा सीटों पर चुनाव के लिए फिर सपा और भाजपा होंगे आमने-सामने, जानें क्यों दिलचस्प होने वाला है ये मुकाबला

By विनीत कुमार | Published: March 21, 2022 02:36 PM2022-03-21T14:36:41+5:302022-03-21T14:46:22+5:30

राज्य सभा चुनाव के लिए यूपी में एक बार फिर भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है। इससे पहले विधान परिषद चुनाव में भी मुकाबला कड़ा रहेगा।

Uttar Pradesh Rajya Sabha Election: BJP and SP battle know why this contest will be interesting | यूपी से 11 राज्य सभा सीटों पर चुनाव के लिए फिर सपा और भाजपा होंगे आमने-सामने, जानें क्यों दिलचस्प होने वाला है ये मुकाबला

यूपी से राज्य सभा सीटों के लिए फिर सपा और भाजपा आमने-सामने (फाइल फोटो)

Highlightsयूपी से राज्य सभा की 11 सीटें खाली होने वाली हैं, जिसके लिए चुनाव होना है। भाजपा और सपा के बीच कम से कम एक सदस्य के लिए मुकाबला कड़ा रहने की संभावना है।एनडीए आसानी से कम से कम 7 सदस्यों को राज्य सभा भेज सकती है, सपा तीन सदस्यों को भेज सकेगी राज्य सभा।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल के विधानसभा चुनाव के बाद अब राज्य सभा की 11 सीटों पर दिलचस्प मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच देखे जाने की संभावना है। यूपी के ये 11 राज्य सभा सीट जुलाई में खाली हो रहे हैं। इसमें मौजूदा परिस्थिति की बात करें तो पांच भाजपा, तीन सपा, दो बसपा और एक कांग्रेस से सांसद हैं।

यूपी के 11 राज्य सभा सीटों का चुनाव, जानिए समीकरण

यूपी विधानसभा में 403 सीटें हैं। ऐसे में हर राज्य सभा उम्मीदवार को कम से कम 37 वोटों की जरूरत होगी। हाल के चुनाव के बाद भाजपा और सहयोगी पार्टियों के कुल 273 विधायक हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए आसानी से कम से कम 7 सदस्यों को राज्य सभा भेज सकती है।

वहीं सपा और सहयोगी पार्टियों के अभी विधानसभा में 125 विधायक हैं। ऐसे में तीन सदस्य इस धड़े के भी राज्य सभा आसानी से भेजे जा सकते हैं। ऐसे में जाहिर है कि एक सीट के लिए दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। दोनों पार्टियों भाजपा और सपा को अपने एक और सदस्य को राज्य सभा भेजने के लिए अन्य पार्टियों से सहयोग लेना होगा।

इन अन्य पार्टियों में राजा भैया की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक, कांग्रेस और बसपा शामिल हैं। बसपा का विधानसभा में एक विधायक है। वहीं, कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक ने दो-दो सीटों पर कब्जा जमाया था।

यूपी से राज्य सभा में भाजपा के सबसे अधिक सांसद

यूपी की ओर से राज्य सभा में 31 सांसद भेजे जाते हैं। मौजूदा स्थिति में यूपी से राज्य सभा में 22 सांसद भाजपा से हैं। इसके अलावा पांच सपा से और तीन बसपा से हैं। एक सांसद कांग्रेस से हैं।

इस साल भाजपा के पांच रिटायर हो रहे राज्य सभा सांसदों में पार्टी के एकमात्र मुस्लिम सांसद जफर इस्लाम भी शामिल हैं। इसके अलावा शिव प्रताप शुक्ला, संजय सेठ, सुरेंद्र नागर और जय प्रकाश निषाद भी राज्य सभा से रिटायर हो रहे हैं।

सपा में अपना कार्यकाल पूरा करने वालों में यूपी विधान परिषद के पूर्व अध्यक्ष सुखराम सिंह यादव शामिल हैं, जिनके बेटे मोहित हाल ही में भाजपा में शामिल हुए थे। इसी तरह पूर्व लोकसभा सांसद और यूपी में कैबिनेट मंत्री रहे रेवती रमन सिंह भी इस लिस्ट में शामिल हैं। अपना कार्यकाल पूरा करने वाले तीसरे सपा सांसद फतेहपुर के पूर्व लोकसभा सांसद विशंभर प्रसाद निषाद हैं।

राज्य सभा चुनाव: कौन किसके पाले में जाएगा

माना जा रहा है कि राज्य सभा चुनाव के लिए भाजपा राजा भैया की पार्टी से समर्थन की मांग कर सकती है। वहीं सपा के कांग्रेस पर भरोसा करने की उम्मीद है। बसपा की स्थिति क्या होगी, ये देखने वाला बात होगी।

बहरहाल, 4 जुलाई को कपिल सिब्बल के रिटायर होने के साथ ही कांग्रेस का उत्तर प्रदेश से राज्य सभा में कोई सांसद नहीं बचेगा। सिब्बल 5 जुलाई, 2016 को यूपी से राज्यसभा के लिए चुने गए थे जब कांग्रेस के विधानसभा में 29 विधायक थे। इस बार दो विधायकों के साथ कांग्रेस उम्मीदवार खड़ा करने की स्थिति में नहीं है। यूपी से पहले सिब्बल ने 1998 में बिहार से राज्यसभा में जगह बनाई थी। बाद में वे दिल्ली की चांदनी चौक सीट से जीतकर 2004 और 2009 में लोकसभा पहुंचे थे।

इसी तरह बसपा के दो वरिष्ठ नेता - सतीश चंद्र मिश्रा और अशोक सिद्धार्थ भी उसी दिन राज्य सभा से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में इस पार्टी का भी केवल एक प्रतिनिधित्व (रामजी गौतम) राज्य सभा में रह जाएगा।

Web Title: Uttar Pradesh Rajya Sabha Election: BJP and SP battle know why this contest will be interesting

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