Uttar pradesh Election 2022: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के चौथे ही दिन मंगलवार को राज्य सरकार के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। मौर्य ने अपना त्यागपत्र राज्यपाल को भेजा है।
इस बीच बड़ी खबर आ रही है कि भाजपा के 3 विधायक ने और इस्तीफा दे दिया। कानपुर के बिल्हौर से भाजपा विधायक भगवती सागर और बांदा के तिंदवारी से भाजपा MLA बृजेश प्रजापति ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। ये दोनों विधायक सपा में जाएंगे। आज भाजपा को उत्तर प्रदेश में बड़ा झटका लगा है। शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा ने भी बीजेपी छोड़ दिया।
बांदा जिले के तिंदवारी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) विधायक बृजेश कुमार प्रजापति और शाहजहांपुर जिले के तिलहर से भाजपा विधायक रोशन लाल वर्मा ने भी मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। ऐसा माना जाता है कि प्रजापति मौर्य के खेमे के हैं।
तिंदवारी विधायक बृजेश कुमार प्रजापति के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) मनोज कुमार ने मंगलवार को बताया, "तिंदवारी विधायक बृजेश प्रजापति ने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से आज इस्तीफा दे दिया है।" उन्होंने बताया कि प्रजापति ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को अपना इस्तीफा भेजा है। प्रजापति ने 2012 का चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था, लेकिन हार गए थे।
वह 2017 के विधानसभा चुनाव के पहले मौर्य के साथ ही बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हुए थे। शाहजहांपुर से मिली सूचना के अनुसार, रोशन लाल वर्मा ने भाजपा पर दलितों, पिछड़ों और वंचितों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए त्यागपत्र दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए। मंगलवार को त्यागपत्र देने के बाद मौर्य के साथ सपा प्रमुख और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी तस्वीर ट्विटर पर साझा की तथा उनका स्वागत किया। स्वामी प्रसाद मौर्य के त्यागपत्र की प्रति सोशल मीडिया पर मंगलवार दोपहर बाद तेजी से वायरल होने लगी।
वर्मा ने कहा, ''मैंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। मैं स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ रहूंगा।'' उन्होंने कहा, ''हम लोगों की शिकायतें उठाते थे तो उन्हें नहीं सुना जाता था, हमें नहीं सुना जाता था। हमने मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से शिकायत की लेकिन कुछ नहीं हुआ।’’
उन्होंने कहा, ''मैं सपा में शामिल हो रहा हूं।’’ वर्मा ने कहा, ''भाजपा नीत सरकार में दलित व पिछड़े अल्पसंख्यक कमजोर लोगों की लगातार उपेक्षा हो रही थी। बेरोजगारी बढ़ी है।’’ वर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दिखा रही है कि रोजगार दिए गए हैं जबकि यह सब फर्जी है, इसी से क्षुब्ध होकर उन्होंने पार्टी छोड़कर सपा का दामन थामा है।
मौर्य ने राज्यपाल को संबोधित अपने त्यागपत्र में लिखा है, ‘‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के मंत्रिमंडल में श्रम, सेवायोजन एवं समन्वय मंत्री के रूप में विपरीत परिस्थितियों व विचारधारा में रहकर भी बहुत ही मनोयोग के साथ उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है, किंतु दलितों, पिछड़ों, किसानों, बेरोजगार नौजवानों एवं छोटे- लघु एवं मध्यम श्रेणी के व्यापारियों के प्रति घोर उपेक्षात्मक रवैये के कारण उत्तर प्रदेश के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देता हूं।’’
मौर्य के त्यागपत्र के बाद अखिलेश यादव ने मंगलवार को ट्वीट किया, ''सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता श्री स्वामी प्रसाद मौर्य जी एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन! सामाजिक न्याय का इंकलाब होगा- बाइस में बदलाव होगा।''