उत्तर प्रदेशः सीएम योगी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अभद्र और आपत्तिजनक पोस्ट डाली, नोएडा पुलिस ने किया अरेस्ट, जानिए मामला
By भाषा | Published: October 9, 2020 06:58 PM2020-10-09T18:58:52+5:302020-10-09T18:58:52+5:30
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) विशाल पांडे ने बताया कि पांच अक्टूबर को अशोक शर्मा मंडल अध्यक्ष भाजपा जेवर ने थाना जेवर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक व्यक्ति ने अभद्र व आपत्तिजनक पोस्ट डाली है।
नोएडाः उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में एक व्यक्ति को थाना जेवर पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया।
अपर पुलिस उपायुक्त (जोन तृतीय) विशाल पांडे ने बताया कि पांच अक्टूबर को अशोक शर्मा मंडल अध्यक्ष भाजपा जेवर ने थाना जेवर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ एक व्यक्ति ने अभद्र व आपत्तिजनक पोस्ट डाली है।
उन्होंने बताया कि घटना की रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच कर रही पुलिस ने आज योगेश चौधरी उर्फ शिवप्रताप पुत्र जीत राम निवासी ग्राम चैरौली थाना जेवर को गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि उक्त व्यक्ति के पास से घटना में प्रयुक्त मोबाइल आदि बरामद हुआ है।
केंद्र ने अदालत से कहा-सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों के खतरों से अवगत, उससे निपटने को बनाए गए हैं नियम
केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय से कहा कि वह सोशल मीडिया मंचों पर फर्जी खबरों के खतरों से अवगत है और इससे निपटने के लिए ‘इंटरमीडियरी गाइडलाइंस’ के तहत नियम बनाए गए हैं। ‘इंटरमीडियरी गाइडलाइंस’ सोशल मीडिया मंचों को विनियमित करती हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाय) ने उच्च न्यायालय से कहा कि फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया मंचों पर किसी भी गैरकानूनी सामग्री को अदालत के आदेशानुसार या सरकारी अधिसूचना या वेबसाइटों के शिकायत निवारण अधिकारियों द्वारा उनकी नीतियों या उपयोग की शर्तों के उल्लंघन के आधार पर हटाया जा सकता है। आरएसएस के पूर्व विचारक के. एन. गोविंदाचार्य द्वारा दायर जनहित याचिका के जवाब में मंत्रालय ने यह बात कही है।
गोविंदाचार्य ने अपनी याचिका में केन्द्र, गूगल, फेसबुक और ट्विटर और अन्य ऑनलाइन मंचों पर प्रसारित फर्जी समाचार और नफरत भरे बयानों को हटाने के साथ भारत में उनके नामित अधिकारियों के खुलासे करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।
गोविंदाचार्य ने साइबरस्पेस में बच्चों की सुरक्षा के लिए सोशल मीडिया मंचों से 'बॉइज लॉकर रूम' जैसे गैरकानूनी समूहों को हटाने के लिये भी आवेदन दिया है। अधिवक्ता विराग गुप्ता के जरिये गोविंदाचार्य ने अदालत में यह आवेदन दिया है। मंत्रालय ने कहा कि ‘इंटरमीडियरी गाइडलाइंस’ के अनुसार, वेबसाइटों के शिकायत निवारण अधिकारी, शिकायत मिलने के एक महीने के भीतर उसका निवारण करने को बाध्य हैं।