Uttar Pradesh Bypolls: उपचुनाव की सभी 10 सीटों पर प्रत्याशी खड़े करेंगी मायावती, चुनाव में बनाएगी आरक्षण को मुद्दा
By राजेंद्र कुमार | Published: August 11, 2024 05:43 PM2024-08-11T17:43:18+5:302024-08-11T17:43:55+5:30
बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वह जिन दस सीटों पर उपचुनाव होना है, उन पर पार्टी के प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित करने में अभी से चुनाव प्रचार में जुट जाए। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का नाम जल्दी ही घोषित किया जाएगा।
लखनऊ: उप चुनावों से दूर रहने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती ने राज्य में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों में प्रत्याशी खड़े करने का फैसला किया है। मायावती ने यह भी तय किया है कि बसपा से हाथ मिलाने के इच्छुक कुछ छोटे दलों से पार्टी हाथ नहीं मिलाएंगे और अकेले ही इस उपचुनाव हिस्सा लेगी।
रविवार को लखनऊ के मॉल एवेन्यू स्थित पार्टी कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने यह ऐलान किया। उन्होंने पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है कि वह जिन दस सीटों पर उपचुनाव होना है, उन पर पार्टी के प्रत्याशी की जीत को सुनिश्चित करने में अभी से चुनाव प्रचार में जुट जाए। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों का नाम जल्दी ही घोषित किया जाएगा।
मायावती ने इसलिए लिया फैसला
यूपी में बीते लोकसभा सके दौरान विभिन्न दलों के नौ विधायक चुनाव जीत कर सांसद बन गए, इस वजह से नौ विधानसभा सीट रिक्त हो गई। इसके साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक इरफान सोलंकी को अदालत से एक मामले में सजा मिलने के कारण उनकी सीट खाली हो गई। इस तरह करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर समेत प्रदेश की कुल 10 विधानसभा सीटों पर अब उपचुनाव होना है।
इन सीटों को जीतने के लिए सूबे की सत्ता पर काबिज योगी सरकार ने अपनी 30 मंत्रियों की ड्यूटी लगा दी है। खुद भी उन्होंने दो सीटों को जिताने का जिम्मा लिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव और कांग्रेस ने भी इन सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़ा करने की कवायद शुरू कर दी है। इसी क्रम में मायावती ने भी रविवार को पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी की तैयारियों को लेकर निर्देश दिए। बसपा के लिए सूबे की 10 सीटों पर होने वाला यह उपचुनाव बेहद अहम है।
बीते विधानसभा चुनावों में एक सीट पर और लोकसभा चुनाव में एक भी सीट पर जीत ना हासिल करने वाली मायावती उपचुनाव में पार्टी प्रत्याशी को चुनाव जीतकर अपनी ताकत का अहसास करना चाहती हैं, इसीलिए पार्टी के उपचुनाव में हिस्सा ना लेने के फैसले को उन्होने बदला और सभी 10 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया।
आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाएगी बसपा
अपने इस फैसले के जरिए मायावती सूबे के गरीबों, शोषितों और पीड़ितों की पार्टी बसपा की ताकत भी भाजपा, सपा और कांग्रेस को दिखाना चाहती हैं, हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में बसपा का दलित वोट बैंक कांग्रेस और सपा गठबंधन की तरफ शिफ्ट होता दिखा। जबकि बीते विधानसभा चुनाव में बसपा का दलित वोट बैंक भाजपा में शिफ्ट हुआ था। बसपा के दलित वोट बैंक में लगातार हो रहे इस शिफ्ट के चलते यूपी में 20 से 25 फीसदी वोट पाने वाली बसपा की स्थिति 9.35 फीसदी वोट बैंक तक सिमट गई है।
अब मायावती की चिंता अपने बिखरते वोट बैंक को बचाने की है, इसलिए उहोने उप चुनाव की सभी सीटों पर प्रत्याशी खड़े करने का फैसला किया। अब बसपा अपने प्रत्याशियों की जीत को सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण को चुनावी मुद्दा बनाएगी। इसे लेकर बसपा सुप्रीमो ने पार्टी कार्यकर्ताओं को गांव-गांव में चौपाल लगाने का निर्देश दिया है।
इसमें दलित और आदिवासी समाज के लोग आमंत्रित होंगे। बसपा के पदाधिकारियों की ओर से एससी-एसटी तबके को हक मारी के बारे में बताया जाएगा। वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जरिए केंद्र सरकार के खिलाफ एक माहौल बनाने और इस वर्ग में फिर से पकड़ मजबूत करने की कोशिश में हैं।