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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावः अखिलेश यादव से मिले ओम प्रकाश राजभर, कहा-सपा और सुभासपा आए साथ, यूपी में भाजपा साफ!

By सतीश कुमार सिंह | Updated: October 20, 2021 16:35 IST

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावः मऊ, बलिया, गाजीपुर, आजमगढ़, जौनपुर, आंबेडकर नगर जिलों में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी। सिर्फ बनारस में दो सीट पर लड़ाई रहेगी।

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ठळक मुद्देपूर्वी उत्तर प्रदेश में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी।भारतीय जनता पार्टी की सरकार से पूरे राज्य की जनता में नाराजगी है।उत्तर प्रदेश विधानसभा में पूर्वी उत्तर प्रदेश से लगभग 150 सीट हैं।

लखनऊः समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 2022 उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले गठबंधन कर लिया है। लखनऊ में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मिले।

ओपी राजभर ने कहा कि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी को यूपी में सत्ता से हटाने के लिए एक साथ आए हैं। मैंने अखिलेश यादव को 27 अक्टूबर को मऊ में महापंचायत के लिए आमंत्रित किया है। कहा कि सपा और सुभासपा आए साथ, यूपी में भाजपा साफ!

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मऊ जिले के हलदरपुर में 27 अक्टूबर को महापंचायत बुलाई गई है, जिसमें आगामी विधानसभा चुनाव के लिये गठबंधन संबंधी घोषणा की जायेगी। उन्होंने कहा कि कई वर्षों से अपने अधिकारों से वंचित लोगों के लिए भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया गया है।

गौरतलब है कि कई दलों को मिला कर यह मोर्चा बनाया गया है जिसका नेतृत्व सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी करती है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने हाल में घोषणा की थी कि उनकी पार्टी राजभर के नेतृत्व वाले एसबीएसपी और उसके भागीदारी संकल्प मोर्चा के साथ गठजोड़ करके अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे राजभर ने 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था।

ओमप्रकाश राजभर ने मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें मठ-मंदिर में रहना चाहिए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से गठबंधन इसलिए किया था क्योंकि पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने उनसे भाजपा की सरकार बनने पर केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था।

उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा "योगी साधु बाबा हैं। उन्हें मठ-मंदिर में रहना चाहिए। वह वहीं अच्छे लगते हैं। दरअसल, योगी आदित्यनाथ कोई नेता नहीं हैं। नेता तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा मुखिया मायावती हैं।" राजभर ने कहा कि मायावती और अखिलेश के मुख्यमंत्री काल में विकास कार्य धरातल पर नज़र आते थे जबकि योगी आदित्यनाथ का कोई भी काम जमीन पर दिखाई नहीं देता।

टॅग्स :उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावसमाजवादी पार्टीअखिलेश यादवओम प्रकाश राजभरलखनऊयोगी आदित्यनाथBJP
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