लाइव न्यूज़ :

कोविड संकट से कैदी भी डरे, उत्तर प्रदेश में 21 कैदियों ने पैरोल पर बाहर आने से किया इनकार

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 30, 2021 21:15 IST

उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद 21 कैदियों ने पैरोल पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे महामारी का डर बताया जा रहा है।

Open in App
ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद उत्तर प्रदेश में 10,123 कैदी रिहा21 कैदियों ने पैरोल पर बाहर आने से किया इनकार गाजियाबाद जेल से सर्वाधिक कैदियों को रिहा किया गया

किसी कैदी के लिए जेल से बाहर आना सबसे बड़ी ख्वाहिश होती है, लेकिन यह कोविड महामारी का दौर है। उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जेलों में बंद 21 कैदियों ने पैरोल पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है। इसके पीछे महामारी का डर बताया जा रहा है। कैदियों ने कहा है कि उनके साथ जेल में बेहतर व्यवहार किया जा रहा है और जेल में खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। 

उत्तर प्रदेश के डीजी जेल आनंद कुमार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा है कि प्रदेश की अलग-अलग नौ जेलों में बंद 21 दोषियों ने पैरोल पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों का खयाल रखा जा रहा है और कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है।

यूपी में कुल 10,123 कैदियों को छोड़ा

कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जेलों में संक्रमण से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन किया जा रहा था। इसके तहत विचाराधीन कैदियों और दोषियों को जमानत और पैरोल पर छोड़ा गया। जिससे जेलों में भीड़भाड़ न हो और कोरोना वायरस से बचाव हो सके। जिसके बाद राज्य में 10,123 कैदियों को छोड़ा गया था। 

गाजियाबाद से सबसे ज्यादा कैदी रिहा

हालांकि इनमें से 21 कैदियों ने जेल से बाहर जाने से मना कर दिया है। जिन कैदियों को छोड़ा गया है, उनमें 8,463 विचाराधीन कैदियों को जमानत पर और 1,660 दोषी कैदियों को 60 दिनों की पैरोल दी गई। इनमें से सर्वाधिक विचाराधीन कैदी गाजियाबाद जेल से छोड़े गए। गाजियाबाद से 703 विचाराधीन कैदियों को जिला जेल से छोड़ा गया। 

जेलों में क्षमता से अधिक कैदी

देश की जेलों की स्थिति अच्छी नहीं है। ज्यादातर जेलों में क्षमता से अधिक कैदी हैं। इसके चलते कई बार उन्हें संभालना भी मुश्किल हो जाता है। वहीं कोरोना संकट के दौरान ज्यादा कैदियों के कारण संक्रमण फैलने का भी खतरा था। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने यह कदम उठाया है। 

टॅग्स :उत्तर प्रदेशसुप्रीम कोर्टजेल
Open in App

संबंधित खबरें

भारत32000 छात्र ले रहे थे शिक्षा, कामिल और फाजिल की डिग्रियां ‘असंवैधानिक’?, सुप्रीम कोर्ट आदेश के बाद नए विकल्प तलाश रहे छात्र

क्राइम अलर्टमां और पत्नी में रोज झगड़ा, तंग आकर 40 साल के बेटे राहुल ने 68 वर्षीय मां मधु की गर्दन रेती और थाने में किया आत्मसमर्पण

ज़रा हटकेShocking Video: तंदूरी रोटी बनाते समय थूक रहा था अहमद, वीडियो वायरल होने पर अरेस्ट

क्राइम अलर्ट4 महिला सहित 9 अरेस्ट, घर में सेक्स रैकेट, 24400 की नकदी, आपतिजनक सामग्री ओर तीन मोटर साइकिल बरामद

क्राइम अलर्टप्रेम करती हो तो चलो शादी कर ले, प्रस्ताव रखा तो किया इनकार, प्रेमी कृष्णा ने प्रेमिका सोनू को उड़ाया, बिहार के भोजपुर से अरेस्ट

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र शीतकालीन सत्र: चाय पार्टी का बहिष्कार, सदनों में विपक्ष के नेताओं की नियुक्ति करने में विफल रही सरकार

भारतगोवा अग्निकांड: मजिस्ट्रियल जांच के आदेश, सीएम प्रमोद सावंत ने ₹5 लाख मुआवज़े की घोषणा की

भारतसतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाई से तेज़ी से घटा है नक्सली दायरा: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारतयूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में योगी सरकार लाएगी 20,000 करोड़ रुपए का अनुपूरक बजट, 15 दिसंबर हो सकता है शुरू

भारतकांग्रेस के मनीष तिवारी चाहते हैं कि सांसदों को संसद में पार्टी लाइन से ऊपर उठकर वोट देने की आजादी मिले, पेश किया प्राइवेट मेंबर बिल