26/11 हमले की बरसी पर ट्रंप ने भारत के पक्ष में किया ट्वीट-'अमेरिका भारत के लोगों के साथ, आतंकवाद को जीतने नहीं देंगे'
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: November 27, 2018 08:50 AM2018-11-27T08:50:45+5:302018-11-27T08:50:45+5:30
मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके आतंकवाद पर भारत का साथ देने की बात कही है।
26 नवंबर 2008 को पाकिस्तान से समुद्र मार्ग से आए 10 आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था और बड़ी संख्या में लोगों को घायल कर दिया था। ऐसे में आंतकवाद पर अमेरिका भारत के साथ खड़ा होता दिख रहा है।
मुंबई में 26/11 आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके आतंकवाद पर भारत का साथ देने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट करके लिखा है कि मुंबई आतंकवादी हमले की 10वीं बरसी पर, न्याय के लिए अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है, इस हमले में छह अमेरिकियों सहित 166 निर्दोषों की मौत हो गई। हम कभी भी आतंकवादियों को जीतने नहीं देंगे, या यहां तक कि जीतने के करीब भी नहीं आएंगे।
इस ट्वीट से साफ हो गया है कि अमेरिका आतंकवाद के मामले में भारत के साथ खड़ा है। इसका सबसे बड़ा सबूत खुद अमेरिका का राष्ट्रपकि का सार्वजनिक रूप से ट्वीट करना है। इतना ही उनके इस ट्वीट के साथ ही पाक को भी चेतावनी दी गई है कि अगर वह हरकतों से बात नहीं आया तो भारत और अमेरिका मिलकर उसको सबक सिखाएंगे।
On the ten-year anniversary of the Mumbai terror attack, the U.S. stands with the people of India in their quest for justice. The attack killed 166 innocents, including six Americans. We will never let terrorists win, or even come close to winning!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) November 26, 2018
26 नवंबर, 2008 भारतीय इतिहास का वो काला दिन है, जिसे याद करके आज भी लोगों का दिल दहल उठता है और चारों तरफ सन्नाटे जैसा अहसास होता है। इस दिन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने मायानगरी कही जाने वाली मुंबई में आतंक मचाया था और कई मासूम लोगों की जान ले ली थी। इस हमले में 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और 300 अधिक लोग घायल हुए थे।
10 आतंकी मुंबई में घुसे
बताया जाता है कि लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादी मुंबई में घुसे थे। वह पाकिस्तान के कराची से नाव के रास्ते आए थे। उन्होंने जिस नाव का सहारा लिया था उस पर चार भारतीय नागरिक सवार थे, उन्होंने उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। वह देर शाम मुंबई के कफ परेड के मछली बाजार पर पहुंचे थए, जिसके बाद वह चार समूहों बंट गए थे। इस दौरान कुछ मछुआरों को उन पर शक हो गया था। इसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को भी दी थी, लेकिन उसे अनदेखा कर दिया गया था। कुछ ही देर बाद यानि करीब साढ़े 9 बजे के करीब आतंकवादियों ने आतंक मचाना शुरू कर दिया था।
शिवाजी टर्मिनल को बनाया शामिल
दो आतंकवादियों ने सबसे पहले मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनल पर गोलीबारी की थी, जिसमें करीब 52 लोगों की मौत हुई थी और 109 घायल हो गए थे। आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी और 15 मिनट में ही पूरे रेलवे स्टेशन पर मातम पसर गया था। हर ओर चीख पुकार के अलावा कुछ नहीं बचा था। इन आतंकियों में अजमल कसाब भी शामिल था, जिसे जिंदा पकड़ा गया था और बाद में फांसी दी गई।
इन जगह पर हुए हमले
छत्रपति शिवाजी टर्मिनस के अलावा आंतकवादियों ने कई जगह हमले किये थे, जिनमें ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज होटल, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, मेट्रो सिनेमा शामिल थे। करीब आठ हमले किए गए थे। 28 नवंबर की सुबह तक, ताज होटल को छोड़कर सभी साइटों को मुंबई पुलिस विभाग और सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया था, लेकिन ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट में आतंकियों ने जमकर आतंक मचाया था।
आतंकियों ने लोगों को बनाया था बंधक
आंतकवादियों ने ताज होटल में लोगों को बंधक बना लिया था और 27 नवंबर को बताया गया था कि सभी बंधकों को छुड़ा लिया गया। लेकिन, इसी बीच फिर छिपे हुए आतंकियों ने गोलीबारी और धमाके करने शुरू कर दिए थे। इस दौरान रैपिड एक्शन फोर्ड (आरपीएफ), मैरीन कमांडो और नेशनल सिक्युरिटी गार्ड (एनएसजी) के कमांडो ने मोर्चा संभाला था। वहीं, हमले की लाइव कवरेज होने की वजह से आतंकियों को सहयोग मिला था, जिसके चलते सुरक्षाबलों की खासी परेशानी उठानी पड़ी। हालांकि 29 नवंबर तक सभी आतंकवादियों का सफाया किया गया, जिसमें नौ को ढेर कर दिया गया और अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था।