ब्लैक फंगस रोधी इंजेक्शन नहीं मिलने से नाराज तीमारदारों का हंगामा, पुलिस बुलाई गई
By भाषा | Published: May 24, 2021 06:12 PM2021-05-24T18:12:08+5:302021-05-24T18:12:08+5:30
इंदौर (मध्य प्रदेश), 24 मई ब्लैक फंगस संक्रमण (म्यूकर माइकोसिस) के मरीजों के इलाज में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल होने वाला एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन नहीं मिलने से नाराज तीमारदारों ने यहां सोमवार को शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय में घुसने के बाद जमकर हंगामा किया। अप्रिय स्थिति की आशंका से महाविद्यालय परिसर में बड़ी तादाद में पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए।
चश्मदीदों के मुताबिक ब्लैक फंगस संक्रमण के चलते शहर के निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के करीब 40 परिजन महाविद्यालय में घुसे और डीन संजय दीक्षित के कार्यालय की ओर बढ़े। दरअसल, डीन की अध्यक्षता वाली डॉक्टरों की तीन सदस्यीय समिति की लिखित अनुशंसा पर ही तीमारदार निर्धारित दवा दुकानों से एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन खरीद सकते हैं।
चश्मदीदों ने बताया कि तीमारदारों के महाविद्यालय में घुसने के दौरान डीन वहां मौजूद नहीं थे। पिछले कई दिन से एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन के लिए भटक रहे तीमारदारों का सब्र आखिरकार जवाब दे गया और वे महाविद्यालय के एक हॉल में यह कहते हुए धरने पर बैठ गए कि जब तक उन्हें ये इंजेक्शन नहीं मिलेंगे, वे वहां से नहीं उठेंगे।
हंगामे के दौरान महाविद्यालय कर्मचारियों से बहस के दौरान एक नाराज तीमारदार कहता सुना गया, "जिस दिन से स्थानीय प्रशासन ने एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों का वितरण अपने हाथ में लिया है, हमें एक भी इंजेक्शन नहीं मिला है। ब्लैक फंगस के मरीज इन इंजेक्शनों के अभाव में अस्पतालों में तड़प रहे हैं।"
हंगामे की सूचना पर महाविद्यालय परिसर में बड़ी तादाद में पुलिस कर्मी तैनात कर दिए गए। बाद में डीन संजय दीक्षित के साथ राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और इंदौर से लोकसभा सदस्य शंकर लालवानी मौके पर पहुंचे तथा तीमारदारों का गुस्सा शांत किया।
दीक्षित ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "जल संसाधन मंत्री और सांसद की मौजूदगी में आयोजित बैठक में तय किया गया है कि अब दवा कम्पनियों द्वारा निजी अस्पतालों को एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शनों की सीधी आपूर्ति की जाएगी। अब निजी अस्पतालों के डॉक्टर ही तय करेंगे कि किस मरीज को इस इंजेक्शन की आवश्यकता है और किसे नहीं।"
उन्होंने बताया कि फिलहाल स्थानीय अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 360 मरीज भर्ती हैं। इनमें इंदौर के अलावा राज्य के अन्य जिलों के मरीज भी शामिल हैं।
दवा बाजार के सूत्रों ने बताया कि मरीजों की आवश्यकता के मुकाबले एम्फोटेरिसिन-बी की आपूर्ति पिछले कई दिनों से बेहद कम बनी हुई है।
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