रांची:झारखंड के साहिबगंज जिले के बोरियो में आदिवासी महिला रेबिका पहाड़िया की हत्या कर उसके कई टुकड़े किए जाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने सदन के अंदर और बाहर जमकर हंगामा किया। सत्र शुरू होने से पहले भाजपा विधायकों ने रेबिका पहाड़िन को न्याय दो के पोस्टर के साथ सदन के बाहर प्रदर्शन भी किया।
वहीं, सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही भाजपा के सदस्य पहुंचे आसन के समक्ष पहुंचे और साहिबगंज में आदिवासी जनजाति समुदाय की रबिता पहाड़िन के हत्यारे दिलदार अंसारी को फांसी देने की मांग की। इस दौरान भाजपा विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की। तभी विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो के कहने पर सभी अपनी-अपनी सीट पर लौटे।
इस बीच, शोक प्रस्ताव में विरोधी दल के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने हत्याकांड की निंदा की और कहा कि संप्रदाय विशेष के लोग घटना को अंजाम दे रहे हैं। सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि शोक प्रस्ताव में राजनीति की परिपाटी ठीक नहीं, लाश पर राजनीति होने लगे तो सदन की क्या गरिमा रहेगी।
उन्होंने विपक्ष के लिए कहा कि ये शोक प्रस्ताव नहीं, मृत जनों पर राजनीति कर रहे हैं। वहीं, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार वसूली में लिप्त है। विरोध में उठने वाली हर आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। विरोध करने वालों को जेल भेजा जा रहा है। राज्य में अपराधियों का खौफ बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि साहिबगंज के बोरियो की घटना वीभत्स है।
मरांडी ने कहा कि उन क्षेत्रों में, जहां संथाल और पहाड़िया जनजाति के लोग बड़े पैमाने पर रहते हैं, बांग्लादेशी घुसपैठियों की बाढ़ आ गई है। सुनियोजित तरीके से उन्हें झारखंड में बसाया जा रहा है। संथाल और पहाड़िया जनजाति की बहू-बेटियों से बांग्लादेशी घुसपैठिये शादी कर रहे हैं। इसका एकमात्र उद्देश्य आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करना है।
उन्होंने कहा कि आदिम जनजाति के लोगों को सुरक्षा देने की बजाय हेमंत सोरेन की सरकार उनकी बर्बादी के रास्ते खोल रही है। आने वाले समय में संथालियों और पहाड़िया जनजाति के लोगों के लिए संकट की घड़ी होगी। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन घुसपैठियों को बसाने में लगे हैं। उन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
मरांडी ने कहा कि बोरियो और उसके आसपास के इलाके में सड़क के किनारे बड़े पैमाने पर नये-नये घर बन रहे हैं। लोगों की जमीन हड़पी जा रही है। गरीब संथाल और पहाड़िया रोजगार की तलाश में राज्य से पलायन कर चुके हैं। उनकी बहू-बेटियों को बांग्लादेशी घुसपैठिये बरगला रहे हैं। उनके शादी कर रहे हैं। उनकी हत्या कर रहे है।
उल्लेखनीय है कि साहिबगंज जिला के बोरियो में आदिम जनजाति की एक महिला से शादी करके दिलदार नामक शख्स ने उसके शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिये। रेबिका पहाड़िन की हत्या में दिलदार के परिवार के कई लोग लिप्त पाये गये हैं। पुलिस को अब तक रेबिका पहाड़िन के शव के करीब 50 टुकड़े मिले हैं। पुलिस रेबिका पहाड़िन का सिर अब तक नहीं तलाश पाई है। मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है।