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उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश सरकार पर फिर से कसा तंज, कहा-उनके अगल-बगल बैठे लोग ठीक से नहीं चलने दे रहे हैं

By एस पी सिन्हा | Updated: February 17, 2023 19:21 IST

जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से कहा कि जिन लोगों ने आपको अगल-बगल घेर लिया है उन लोगों के अनुसार मत चलिए। जो लोग आपके अगल-बगल हैं उनको भूल जाइए, बड़ी कुर्बानी देकर समता पार्टी का निर्माण हुआ था।

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ठळक मुद्देनीतीश कुमार जब तक अपने मन से निर्णय ले रहे थे तब तक अच्छा चल रहा था - उपेंद्र कुशवाहाजब से नीतीश कुमार के अगल बगल लोग बैठ गए तब से गड़बड़ हो गया - उपेंद्र कुशवाहानीतीश के 15 साल की पिछले 15 साल से तुलना ही नहीं है - उपेंद्र कुशवाहा

पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने खुले मंच से भाषण देते हुए कहा है कि पिछले 15 साल और नीतीश कुमार के 17-18 साल की कोई तुलना ही नहीं है। 2020 में जो विधानसभा का चुनाव हो रहा था, उस वक्त हम साथ नहीं थे, लेकिन उस समय भी 15 साल बनाम 15 साल का नारा हुआ और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बने। जो पहले वाला 15 साल था क्या स्थिति थी बिहार किस रूप में चल रहा था? पुराने 15 साल को लोगों ने रिजेक्ट किया और नीतीश कुमार के हाथ में सत्ता सौंपने का काम किया।

कुशवाहा ने कहा कि दुर्भाग्य इस बात का हो गया कि नीतीश कुमार जब तक अपने मन से निर्णय ले रहे थे तब तक तो बहुत अच्छा चल रहा था। लेकिन जब से अगल बगल में उनके 4 लोग बैठ गए और उनकी इच्छा से नीतीश कुमार चल रहे हैं तब से गड़बड़ हो गया है। दरअसल, अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा द्वारा राजधानी पटना में कुर्मी कुल गौरव छत्रपति शिवाजी महाराज की 393 वी जयंती समारोह सह जननायक कर्पूरी ठाकुर का 35वां पुण्यतिथि समारोह का आयोजन किया गया था। इस दौरान दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन उपेंद्र कुशवाहा ने किया। उन्होंने कहा कि लव-कुश अति पिछड़ा समाज को लोग जिन लोगों ने ताकत देने का काम किया वह लोग नीतीश कुमार को चाहते हैं । 

उन्होंने हाथ जोड़कर नीतीश कुमार से कहा कि जिन लोगों ने आपको अगल-बगल घेर लिया है उन लोगों के अनुसार मत चलिए। जो लोग आपके अगल-बगल हैं उनको भूल जाइए, बड़ी कुर्बानी देकर समता पार्टी का निर्माण हुआ था। कर्पूरी ठाकुर के बाद की विरासत को नीतीश कुमार ने संभालने का काम किया, वरना दूसरी विरासत वाले लोग भी पहले प्रयास कर रहे थे। लेकिन लव कुश समाज और अति पिछड़ा समाज के लोगों ने उन लोगों को ताकत नहीं दिया, ताकत नीतीश कुमार को दिया। विरासत निश्चित तौर पर नीतीश कुमार के हाथ में आई लेकिन आज उस विरासत का क्या होगा यह चिंता का विषय है।

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