लखनऊ:उत्तर प्रदेश में मेरठ से लेकर प्रयागराज तक का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे बना रही गौतम अडानी की कंपनी अडानी पावर लिमिटेड से योगी सरकार अब बिजली खरीदेगी. मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बैठक में अडानी पावर लिमिटेड से बिजली खरीदने को मंजूरी दी गई. योगी सरकार अडानी पावर लिमिटेड से 5.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी.
इसके साथ ही कैबिनेट ने प्रदेश की नई तबादला नीति और शहरों की नई पार्किंग नीति को भी अपनी मंजूरी प्रदान की. इसके साथ ही कैबिनेट ने राज्य कर विभाग का दर्जा, व्यावसायिक से बदलकर सेवारत विभाग करने का फैसला लिया है और उत्तर प्रदेश वैश्विक क्षमता केंद्र नीति-2024 को भी अपनी मंजूरी प्रदान की है. कैबिनेट ने कुल 11 प्रस्तावों पर अपनी मोहर लगाई.
कैबिनेट की समाप्ति के बाद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा (अरविंद कुमार शर्मा) ने बताया कि प्रदेश में बिजली की बढ़ती खपत को देखते हुए कुछ ऊर्जा बिडिंग प्रोसेस से खरीदने का निर्णय किया है. उसी कड़ी में प्रदेश सरकार जहां एक तरफ 1600 मेगावाट पावर प्लांट की स्थापना के प्रयास कर रही है वही दूसरी तरह इस शर्त के साथ बिजली खरीद का फैसला करा रही है कि जब तक प्लांट उत्तर प्रदेश में लगेगा तभी तक प्रदेश सरकार बिजली खरीदेगी.
इस प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन इश्यू किया था, जिसमें 7 कंपनियां आई थीं. इनमें से 5 कंपनियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (फाइनेंशियल बिड) में हिस्सा लिया. पांचों कंपनियों में जिस निजी कंपनी का कोटेशन सबसे लोएस्ट था उसके साथ निगोशिएन के बाद उन्होंने फिक्स्ड चार्ज में 3.727 रुपए प्रति यूनिट और फ्यूल चार्ज में 1.656 रुपए प्रति यूनिट समेत कुल टैरिफ 5.38 रुपए प्रति यूनिट की न्यूनतम बिड पेश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. इससे अगले 25 सालों में 2958 करोड़ रुपए की बचत होने का अनुमान है.
यूपी ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी
कैबिनेट में हुए अन्य फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि उत्तर प्रदेश ट्रांसफर पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी दी गई है, जिसके तहत अब 15 मई से 15 जून तक राज्य कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जा सकेंगे. सरकर ने 15 जून तक ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा किया जाना सुनिश्चित किया है. प्रदेश में लगभग सात लाख राज्य कर्मचारी हैं.
ट्रांसफर पॉलिसी के तहत ऐसे कर्मचारी जो जिले में तीन साल, मंडल में सात साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उन्हें ट्रांसफर की कैटेगरी में शामिल किया जाएगा. समूह 'क' और 'ख' के 20 फीसदी अधिकारियों का तबादला हो सकता है. समूह 'ग' और 'घ' के 10% कर्मचारियों के ट्रांसफर विभाग अध्यक्ष करेंगे. इससे ज्यादा संख्या में ट्रांसफर के लिए विभाग के मुखिया की अनुमति अनिवार्य होगी. 15 जून के बाद मुख्यमंत्री की अनुमति प्राप्त करने के बाद ही तबादला किया जा सकेगा.
पीपीपी मॉडल पर पार्किंग
कैबिनेट में शहरों में पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए नई पार्किंग नीति को भी मंजूरी दी गई है. इस नीति के तहत पीपीपी मॉडल (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) पर पार्किंग बनाई जाएगी. लोग मल्टीलेवल पार्किंग के साथ अपनी जमीन पर भी पार्किंग बना सकेंगे. पहले चरण में यह सुविधा 17 नगर निगमों में शुरू की जाएगी.
पार्किंग का लाइसेंस पांच साल के लिए दिया जाएगा. पार्किंग स्थल पर ही इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग और गाड़ी सफाई की व्यवस्था भी होगी. पार्किंग का किराया नगर निगम ही तय करेगा. इसके लिए नौ सदस्यों की एक कमेटी बनाई जाएगी. पार्किंग का किराया नगर निगम तय करेंगे.
दो एकड़ में बनेगा बस अड्डा
कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग के उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज और ऑल इंडिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति 2025 से जुड़े प्रस्तावों को भी मंगलवार को मंजूरी दी गई है. इस नीति के तहत दो एकड़ जमीन में इसका निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए एक कमेटी बनेगी, जो इसकी निगरानी करेगी. बस स्टैंड के लिए डीएम की अध्यक्षता में नौ सदस्यों की कमेटी गठित की गई है.
जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और नगर निगम या पालिका, पंचायत के अधिशासी अधिकारी समेत कुल नौ लोग शामिल हैं, जो इस विषय को देखेंगे. इसके लिए न्यूनतम दो एकड़ जमीन अनिवार्य होगी, जो शहर से पांच किलोमीटर से ज्यादा दूर नहीं होनी चाहिए.