यूपी: स्वार और छानबे में दांव पर योगी सरकार की साख, दोनों सीटों पर अपना दल (स) है चुनावी मैदान में
By राजेंद्र कुमार | Published: May 7, 2023 07:18 PM2023-05-07T19:18:39+5:302023-05-07T19:34:15+5:30
उत्तर प्रदेश के रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को निकाय चुनाव के साथ ही दोनों विधानसभा सीटों के परिणाम घोषित किए जाएंगे। इसे लेकर भाजपा और सपा में काफी जोरदार टक्कर चल रही है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हो रहे निकाय चुनाव के शोरगुल में सूबे की दो विधानसभा सीटों पर हो रहा उप चुनाव का शोर हल्का पड़ता जा रहा है, हालांकि सूबे की स्वार और छानबे विधानसभा सीटों के नतीजे आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण हैं। रामपुर की स्वार और मिर्जापुर की छानबे विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने सहयोगी अपना दल (स) के प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है।
राजनीतिक हल्कों में चर्चा है कि इन दोनों सीटों पर प्रत्याशी भले ही अपना दल (स) के हैं लेकिन चुनावी नतीजे भाजपा सरकार व संगठन के दृष्टिकोण से ही देखे जाएंगे। जिसके चलते इन दोनों सीटों पर योगी सरकार की साख दांव पर लगी है। इन सीटों पर 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को निकाय चुनाव के साथ ही इन दोनों सीटों के परिणाम भी घोषित किए जाएंगे।
समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान के जिले रामपुर की मुस्लिम बहुल स्वार सीट पर अपना दल (स) ने शरीफ अहमद अंसारी को टिकट दिया है। वहीं बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैं। अंसारी पसमांदा समाज से आते हैं। भाजपा प्रदेश से लेकर देशभर में पसमांदा समाज के वोट बैंक में सेंध लगाने का पुरजोर प्रयास भी कर रही है।
भाजपा नेताओं के इशारे पर ही शरीफ अहमद को अपना दल (स) चुनाव लड़ा रही है। जबकि सपा ने अनुराधा चौहान को प्रत्याशी बनाया है। आजम खान इस सीट को सपा की झोली में डालने के लिए प्रचार कर रहे हैं और स्वार सीट को लेकर उनकी खुली चुनौती के बाद भाजपा और अपना दल (स) के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है।
इसी प्रकार मिर्जापुर की छानबे सीट भी भाजपा तथा अपना दल (स) के लिए चुनौती बन गई है। यह सीट वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में अपना दल (स) ने जीती थी। वर्ष 2022 में इस सीट से चुनाव जीते राहुल कोल के निधन के बाद अपना दल (स) ने स्वर्गीय राहुल कोल की पत्नी रिंकी कोल को इस सीट से प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा ने कीर्ति कोल को प्रत्याशी बनाया है। रिंकी कोल भाजपा सांसद पकौड़ी लाल कोल की पुत्रवधू हैं, वहीं कीर्ति कोल के पिता भाईलाल कोल भी छानबे से विधायक रह चुके हैं।
अब अपना दल (स) और सपा की प्रत्याशी राजनीतिक घरानों से होने के कारण इस सीट पर चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया। फिलहाल अपना दल (स) और भाजपा नेता दोनों ही सीटों को जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। योगी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना स्वार सीट के प्रभारी हैं जबकि अपना दल (स) के मुखिया अनुप्रिया पटेल के पति आशीष पटेल जो योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं छानबे सीट की चुनावी कमान संभाल रहे हैं।
इन दोनों सीटों के चुनावी नतीजे योगी सरकार कामकाज का रिपोर्ट कार्ड माने जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि अगर स्वार में सपा का प्रत्याशी जीता तो स्पष्ट संकेत जाएगा कि मुस्लिम सपा के ही साथ हैं। वहीं यदि अपना दल (स) ने चुनाव जीता तो भाजपा की रणनीति के साथ पसमांदा समाज को साधने की योजना सफल होगी। यह रणनीति मी लोकसभा चुनाव तक असर करेगी।
इसी प्रकार अगर छानबे सीट पर अगर अपना दल स का प्रत्याशी चुनाव जीतने में सफल नहीं हुआ तो उसकी हार का ठीकरा योगी सरकार के काम काज पर फोड़ा जाएगा। इस अप्रिय स्थिति से बचाने के लिए भाजपा और अपना दल (स) के नेता दोनों सीटों को जीतने के लिए घर घर वोट मांगने पहुंच रहे हैं।