लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में अब 28 जुलाई की तारीख भी शामिल हो गई है. इस ऐतिहासिक तारीख को राज्य के सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री रहने वाले योगी आदित्यनाथ की वजह से जाना जाएगा. 24 जनवरी 1950 को जब संयुक्त प्रांत का नाम बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया, तब से लेकर अब तक इतने समय तक कोई मुख्यमंत्री यूपी में इतने समय तक लगातार सीएम नहीं रहा है, जितना की योगी आदित्यनाथ रहे हैं. उनका यह सफर अभी जारी है, जाहिर है कि वह इस मामले में एक ऐसा रिकार्ड बनाएंगे जिसे तोड़ना मुश्किल होगा. सीएम योगी के पहले यूपी में सबसे लंबे समय तक सीएम ही कुर्सी पर स्वतंत्र भारत के पहले मुख्यमंत्री पंडित गोविंद बल्लभ पंत का 8 वर्ष 127 दिन का रिकॉर्ड था, जिसे 28 जुलाई कि तोड़ते हुए अब तक 8 वर्ष 4 माह और 10 दिन का प्रभावी कार्यकाल पूरा कर लिया है.
योगी ने बनाया रिकार्ड, समर्थक बमबम :
इन 8 वर्ष 4 माह और 10 दिनों के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजनीति के कई उतार चढ़ाव देगे. जिंहे उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिले साथ के चलते आसानी से पार किया. सूबे की सत्ता को संभालने के बाद उनकी सबसे पहली राजनीतिक परीक्षा वर्ष 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में हुई. इस चुनावों में अखिलेश यादव और मायावती के चुनावी गठबंधन के बाद भी भाजपा और उसका गठबंधन 64 सीटे जीतने में सफल रहा. इसके बाद वर्ष 2021 में हुए पंचायत चुनावों में सीएम योगी ने समाजवादी पार्टी को भाजपा के आगे जाने नहीं दिया. फिर वर्ष 2022 में उन्होंने विधानसभा चुनावों में सपा को हराकर सूबे की सत्ता अपने ही हाथ में रखी. इसके बाद उन्होंने वर्ष 2024 में हुए लोकसभा चुनावों में विपक्ष के आंधी में भी सूबे में भाजपा की नाव को डूबने से बचाया. यही वजह से बीते लोकसभा चुनावों मिली तगड़ी शिकस्त के बाद भी सीएम योगी प्रदेश की सत्ता पर काबिज है और 28 जुलाई को उन्होने यूपी में सीएम की कुर्सी पर लंबे समय तक काबिज रहने के रिकार्ड भी अपने नाम कर लिया है.
भाजपा के समर्थक अब यह कह रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ का यह कार्यकाल ना सिर्फ राजनीतिक स्थिरता का प्रतीक है, बल्कि शासन के प्रत्येक क्षेत्र में सुधार, पारदर्शिता और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ विकास की गति को अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक ले जाने वाला कालखंड भी है. उन्होंने अपराध और अराजकता से जूझते यूपी को 'नए उत्तर प्रदेश' में बदलने का काम किया, जहां कानून का राज सर्वोपरि है और शासन व्यवस्था सुशासन का पर्याय बन चुकी है. विगत आठ वर्षों में योगी सरकार ने प्रदेश को बुनियादी ढांचे, निवेश और रोजगार के क्षेत्र में नए आयाम दिए हैं.
गोरखपुर से एम्स की स्थापना हो, पूर्वांचल-एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे या फिल्म सिटी जैसे कई मेगा प्रोजेक्ट्स इसके उदाहरण हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना, मुफ्त राशन वितरण, उज्ज्वला योजना, कन्या सुमंगला और मिशन शक्ति जैसी योजनाओं के माध्यम से राज्य के करोड़ों लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आया है. इतिहास की इस निर्णायक घड़ी में, योगी आदित्यनाथ न केवल उत्तर प्रदेश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्यमंत्री बने हैं, बल्कि एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित हुए हैं, जिन्होंने ‘राज्य को राष्ट्र निर्माण का अग्रदूत’ बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. फिलहाल यह दावा करने वाले योगी के समर्थक बमबम है क्योंकि उनके महंत योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने का रिकॉर्ड जो बना दिया है.
यूपी में मुख्यमंत्री रहे : कार्यकाल
गोविन्द बल्लभ पंत : 8 वर्ष 127 दिन
मायावती : 7 वर्ष 127 दिन
मुलायम सिंह यादव : 6 वर्ष 274 दिन
संपूर्णानंद पंत : 5 वर्ष 345 दिन
अखिलेश यादव : 5 वर्ष 4 दिन
नारायण दत्त तिवारी : 3 वर्ष 314 दिन