कावड़ यात्रा के दौरान यूपी पुलिस ने संभाला मोर्चा, कावड़ियों की वेशभूषा में कर रहे हैं निगरानी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 27, 2022 04:43 PM2022-07-27T16:43:03+5:302022-07-27T16:43:03+5:30
कोरोना के चलते दो साल तक कावड़ यात्रा को लेकर जो प्रतिबंध थे उन सभी को इस बार हटा दिया गया है। बडी संख्या में कावड़िए पैदल और कई वाहनों के जरीए कावड़ यात्रा पर हैं। इस दौरान कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यूपी पुलिस अंडरकवर एजेंट की तरह काम कर रही है।
नोएडा: देश के अलग अलग हिस्सों से बड़ी संख्या में शिव भक्त कावड़ लेकर उत्तराखंड पहुंचे हैं। शिवरात्री के मौके पर इन कावड़ियों की सबसे ज्यादा संख्या थी। हालांकि शिवरात्री के दिन ज्यादातर कावड़िए घर वापसी कर लेते हैं। वहीं जैसे जैसे कावड़ यात्रा अपने चरम पर पहुंची तो यूपी पुलिस ने भी कमर कस ली। कावड़ यात्रा के दौरान कानून व्यवस्था बरकार रहे उसके लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में यूपी पुलिस के जवान अंडरकवर एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। बता दें कि पुलिस इन कावड़ियों के बीच इन्ही के जैसे भगवा कपड़े पहन कर घूम रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जाए। साथ ही अराजक तत्वों से निपटने के लिए भी पुलिस ने ये कदम उठाया है।
कांवड़ियों की वेशभूषा में तैनात हैं पुलिसकर्मी
अधिकारियों की मानें तो हजारों पुलिसकर्मियों के साथ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कानून व्यवस्था बनाए रखने और हवाई निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए गए हैं। इसी के साथ यूपी उत्तराखंड सीमा पर मुजफ्फरनगर शिव भक्तों की वार्षिक धार्मिक यात्रा के लिए प्रमुख जिला है क्योंकि उत्तराखंड यात्रा के दौरान किसी भी शिवभक्त को अनिवार्य रूप से यहां से गुजरना होता है। पुलिस का यहां खास फोकस है। सामान्य तैनाती के अलावा कांवड़ियों की वेशभूषा में लगभग 400-500 पुलिसकर्मी कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर रखने के लिए जुलूस में शामिल हो रहे हैं। जबकि कई जगहों पर सीसीटीवी भी लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरों को अधिकृत व्यक्तियों द्वारा दूर के स्थानों ने मोबाइल पर भी एक्सेस किया जा सकता है।
पवित्र मां गंगा का जल लाने उत्तराखंड जाते हैं शिव भक्त
बता दें कि कांवड़ यात्रा के दौरान भगवान शिव के भक्त दूर दराज से उत्तराखंड पहुंचते हैं। खासकर उत्तर भारत में श्रावण में माह में पवित्र मां गंगा का जल लाने के लिए नंगे पैर उत्तराखंड के हरिद्वार,गोमुख आदि स्थान पर जाते हैं जल को घर वापस लौटने के बाद भगवान शिव को अर्पण किया जाता है। 26 जुलाई को बड़ी संख्या में कावड़िए घर वापसी कर चुके हैं। हालांकि अब भी कावड़ यात्रा जारी है जिसको लेकर पुलिस प्रशासन सर्तक है।