लखनऊः उत्तर प्रदेश में हो रहे नगर निकाय चुनावों को लेकर हर राजनीतिक दल सक्रिय हो गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सूबे में मेयर की 17 सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए चुनाव प्रचार करने में जुट गए हैं. बीते निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मेयर की 14 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.
इस बार सीएम योगी ने सूबे की सभी 17 सीटों पर कमल खिलाने के ठानी है. उनका यह लक्ष्य कितना पूरा होगा यह तो 10 मई को घोषित होने वाले चुनाव परिणाम से पता चलेगा, लेकिन अभी राजधानी लखनऊ की मेयर सीट पर टक्कर का चुनावी संघर्ष देखने को मिल रहा है. इस सीट पर सभी प्रत्याशी नए हैं, बावजूद इसके यहां का चुनाव काफी रोचक होने वाला है.
रोचक बात तो यह है कि लखनऊ की मेयर सीट पर चुनाव लड़ आढ़े किसी भी प्रत्याशी के पास कोई तजुर्बा तो नहीं है. चुनावी आरक्षण और जातिगत गणित ने राजधानी लखनऊ को अचानक से कई महिला नेता दे दिए हैं. 1995 से लगातार इस सीट पर जीत हासिल करने वाली भाजपा ने इस सीट पर निवर्तमान महापौर संयुक्ता भाटिया का टिकट काटकर पार्टी कार्यकर्ता सुषमा खरकवाल को चुनाव मैदान में उतारा है.
सुषमा गढ़वाल से हैं. पार्टी का मानना है कि पहाड़ी मोहल्लों से उन्हें पूरा सपोर्ट मिलेगा. समाजवादी पार्टी (सपा) ने सीनियर जर्नलिस्ट वंदना मिश्रा को प्रत्याशी बनाया है. वंदना योग्य हैं, विनम्र हैं. उन्हें राजनीतिक दंद-फंद की वह समझ नहीं है, जो आज की जरूरत है. बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की शाहीन बानो, कांग्रेस की संगीता जायसवाल और आम आदमी पार्टी (आप) की अंजू सिंह भी चुनावी अखाड़े में हैं.
शाहीन को मुस्लिम, दलित वोटों के साथ ही सर्व समाज का सहारा है. बसपा नेताओं का दावा है कि लखनऊ का मुसलमान इस बार बसपा को ही वोट करेगा. ऐसी ही गणित बाकी प्रत्याशियों ने भी लगा रखी है. फिलहाल अब लखनऊ में चुनाव प्रचार ज़ोर शोर से शुरू हो गया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मंगलवार को लखनऊ में पार्टी प्रत्याशी को जीतने की अपील शहर के लोगों से की. इसके अलावा पार्टी के सभी पांच विधायक सुषमा खरकवाल के लिए अपनी अपनी विधान सभा सीट पर प्रचार कर रहे हैं. इसके अलावा सूबे के डिप्टी सीएम रहे दिनेश शर्मा भी सुषमा खरकवाल के लिए ब्राह्मण समाज के बीच सभाएं कर रहे हैं.
भाजपा नेताओं को उम्मीद है कि बसपा की शाहीन बानो मुस्लिम और दलित समाज का वोट लेकर सपा प्रत्याशी को कमजोर करने में सफल होंगी. आप पहली इस सीट से चुनाव लड़ रही है, ऐसे में संगठन की कमजोरी के कारण उन्हें नोटिस में नहीं लिया जा रहा है.
कुल मिलकर इस सीट पर भाजपा और सपा प्रत्याशी के बीच आमने -सामने की टक्कर हो रही है. और इस मुक़ाबले में सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. लखनऊ नगर निगम में इस बार कुल 29 लाख 24 हजार 675 मतदाता है, जिसमें 15,56,813 पुरुष और 13,67,862 महिला वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर शहर की सरकार को चुनेंगे.