लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो गया. अब सदन में 13 अगस्त को योगी सरकार 'विकसित यूपी' के विजन की 25 वर्षों की कार्ययोजना को सदन के पटल पर रखेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार, यूपी का यह मानसून सत्र स्वतंत्रता के अमृत काल के तीसरे वर्ष में होने जा रहा है.
यह राज्य के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा और इस बार का मानसून सत्र विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यूपी सरकार अगले 25 वर्षों की कार्ययोजना को सदन के पटल पर रखेगी. विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह दावा किया है. सीएम योगी के मुताबिक विकसित यूपी के इस विजन को नीति आयोग और विशेषज्ञों के सहयोग से तैयार किया गया है.
इसमें समाज के हर वर्ग की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी और मानसून सत्र में 13 तथा 14 अगस्त को लगातार 24 घंटे इस विजन पर सदन में चर्चा होगी. यह चर्चा न केवल विधानसभा और विधान परिषद में होगी, बल्कि आम जनता की राय भी इसमें शामिल की जाएगी. सीएम योगी का दावा है कि वर्ष 2047 तक जब भारत एक विकसित राष्ट्र बनेगा, तब उत्तर प्रदेश भी 'विकसित उत्तर प्रदेश' के रूप में तैयार होगा.
फिलहाल सीएम योगी के इस दावे से सपा के विधायक सहमत नहीं है और 13 तथा 14 अगस्त को जब सदन में विकसित यूपी के अगले 25 वर्षों की कार्ययोजना पर 24 घंटे तक चर्चा होगी तो सपा के विधायक इस चर्चा में हिस्सा नहीं लेंगे. जल्दी ही इसका ऐलान पार्टी के बड़े नेता करेंगे.
नेता प्रतिपक्ष नेता प्रसाद का मत :
सपा नेताओं ने अनुसार, गत रविवार को पार्टी विधानमंडल दल की हुई बैठक में यह तय हुआ है कि योगी सरकार के किसी झूठे दावे में समाजवादी पार्टी हिस्सा नहीं बनेगी. सपा के सीनियर नेता माता प्रसाद के अनुसार, पार्टी की इस बैठक में विधानसभा के भीतर 24 घंटे होने वाली चर्चा को लेकर विस्तार से पार्टी नेताओं ने अपने मत जाहिर किए थे.
सभी का मानना था कि योगी सरकार लगातार नौ वर्ष से सिर्फ और सिर्फ झूठे वादे कर रही है. वह कहते हैं कि कभी यह सरकार यूपी को पाँच ट्रिलियन की इकनामी बनाने के दावा करती है और कभी कहती है कि यूपी की सड़कों को गद्दा मुक्त कर देंगे. यूपी में सबको शिक्षा देने के लिय भी बड़ेबड़े दावे किए जाते हैं लेकिन प्राथमिक स्कूलों को विलय किया जा रहा है.
बीते आठ वर्ष पहले यूपी के जो जिले बाढ़ की चपेट में आते थे, आज भी उन जिलों की जनता बाढ़ के पानी से जूझ रही है. ऐसे माहौल में सूबे की सरकार अब अगले 25 वर्षों की कार्ययोजना तैयार कर उस पर 24 घंटे सदन में चर्चा करना चाहती है, ताकि उसके झूठे वादे अखबारों में सुर्खी बने. जबकि योगी सरकार में मंत्री और विधायकों की बात अधिकारी सुनते तह नहीं हैं.
परिणाम स्वरूप योगी सरकार के मंत्री और विधायक अधिकारियों को सबक सिखाने के लिए सीएम योगी को पत्र लिख रहे हैं. ऐसे विपरीत माहौल में योगी सरकार सदन में 24 घंटे की चर्चा कराने जा रही है. ताकि इतिहास में यह लिखा जाए कि योगी सरकार ने 24 घंटे सदन चलाया था.
24 घंटे सदन चलाने का अखिलेश कर चुके विरोध :
सपा मुखिया अखिलेश यादव भी योगी सरकार के विकसित यूपी की कार्ययोजना पर सवाल खड़े करते हैं. अखिलेश यादव का यह कहना है कि जब योगी सरकार ने नौ सालों में कुछ नहीं किया तो अब क्या करेंगे. यहां मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने गत रविवार को यह कहा था कि मैं 24 घंटे सदन चलाने का विरोध करता हूं. ये क्या बात है, बिना किसी इमरजेंसी से आप सबको रात भर जागा रहे हो.
अभी तक नौ सालों में इन लोगों ने कोई काम नहीं किया और सबको 24 घंटे जगाओगे क्योंकि योगी सरकार को अखबारों में अपने विजन की हेडलाइंस छपवानी है. अखिलेश यादव के इस रुख को देखते हुए यह तय हो गया है कि सपा के विधायक सदन में 24 घंटे तक होने वाली चर्चा में शामिल नहीं होंगे.