उप्र विधान परिषद चुनावः अखिलेश और जयंत को झटका, बीजेपी के आशीष, ओमप्रकाश और नरेन्द्र भाटी का निर्विरोध पहुंचना तय
By भाषा | Published: March 23, 2022 02:41 PM2022-03-23T14:41:39+5:302022-03-23T14:53:05+5:30
UP Legislative Council elections: विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से 36 सीट के लिए भाजपा और समाजवादी पार्टी एक बार फिर आमने-सामने हैं।
लखनऊः स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से उत्तर प्रदेश विधान परिषद के निर्वाचन में नामांकन पत्रों की जांच के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के दो उम्मीदवारों का नामांकन निरस्त हो जाने और सपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की एक उम्मीदवार के अपना नामांकन वापस ले लेने के कारण संबंधित सीटों पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
अधिकारियों ने बताया कि जांच प्रक्रिया के दौरान एक निर्दलीय के अलावा सपा उम्मीदवार उदयवीर सिंह और राकेश यादव के नामांकन पत्र भी खारिज कर दिए गए। अधिकारियों ने बताया कि तीनों के नामांकन पत्र में कुछ खामियां थीं और निर्वाचन अधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने उन्हें खारिज कर दिया।
समाजवादी पार्टी ने मथुरा-एटा-मैनपुरी स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों से उदयवीर सिंह और राकेश यादव को मैदान में उतारा था। उनके नामांकन रद्द होने से दोनों सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की निर्विरोध जीत का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा ने इन दोनों सीटों पर क्रमश: आशीष यादव और ओमप्रकाश सिंह को उम्मीदवार बनाया है जिनकी निर्विरोध जीत तय मानी जा रही है। लेकिन इसकी आधिकारिक घोषणा 24 मार्च को प्रक्रिया पूरी होने के बाद की जाएगी। इसी तरह बुलंदशहर सीट भी भाजपा के पाले में जाना लगभग तय हो गया है।
उत्तर प्रदेश में स्थानीय निकाय की 36 सीटों पर होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने 34 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि बुलंदशहर और मेरठ-गाजियाबाद सीटें अपने सहयोगी राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को दी हैं। बुलंदशहर सीट के लिए चार प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें भाजपा ने नरेन्द्र भाटी और रालोद ने सुनीता को उम्मीदवार बनाया था जबकि दो लोगों जगमाल और दानवीर सिंह ने बतौर निर्दलीय उम्मीदवार नामांकन दाखिल किया था।
नामांकन पत्रों की जांच के बाद निर्दलीय उम्मीदवारों--जगमाल और दानवीर का नामांकन निरस्त कर दिया गया है और रालोद उम्मीदवार सुनीता ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। ऐसे में भाजपा उम्मीदवार नरेन्द्र भाटी का निर्विरोध विधान परिषद पहुंचना लगभग तय है।
नौ अप्रैल को होने वाले राज्य विधान परिषद के स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्र से 36 सीट के लिए भाजपा और समाजवादी पार्टी एक बार फिर आमने-सामने हैं। कांग्रेस और बसपा ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं जिससे भाजपा-सपा के बीच सीधा मुकाबला है। विधान परिषद की सीट के लिए नौ अप्रैल को मतदान होगा और मतगणना 12 अप्रैल को होगी।