लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 27 सीटों के लिए हुए चुनाव में भाजपा ने 24 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं, समाजवादी पार्टी अपना खाता भी नहीं खोल सकी। भाजपा को तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इस तरह 36 एमएलसी सीटों के चुनाव में से भाजपा ने 33 पर बाजी मार ली। दरअसल 36 में से 9 सीटों पर भाजपा के उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके थे। ऐसे में 27 सीटों पर शनिवार को मतदान हुआ था।इस चुनाव में भाजपा और समाजवादी पार्टी में सीधी टक्कर थी। दरअसल कांग्रेस और बसपा ने अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था।
वाराणसी समेत तीन सीटों पर भाजपा को लगा झटका
एमएलसी चुनाव में भाजपा को जिन तीन सीटों पर हार का सामना करना पड़ा, उसमें पीएम मोदी की संसदीय सीट वाराणसी भी शामिल है। दिलचस्प ये भी है कि जिन तीन सीटों पर भाजपा को हार मिली है वहां निर्दलीय जीतने वाले सभी उम्मीदवार ठाकुर समुदाय से हैं। वाराणसी-चंदौली-भदोही सीट पर जहां बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह ने जीत हासिल की, वहीं प्रतापगढ़ सीट पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप विजयी रहे। भाजपा को तीसरी हार आजमगढ़ में मिली।
प्रतापगढ़ में अक्षय प्रताप सिंह ने भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह को हराया। वहीं, वाराणसी में भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल तीसरे स्थान पर रहे। यहां अन्नपूर्णा सिंह ने 4234 मत पाकर जीत हासिल की। भाजपा प्रत्याशी सुदामा पटेल 170 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे।
आजमगढ़ में भाजपा एमएलसी यशवंत सिंह ने बगावत कर अपने बेटे विक्रांत सिंह को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतारा था। यशवंत सिंह छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित हो चुके हैं पर वे अपने बेटे को जीत दिलाते हुए भाजपा को झटका देने में कामयाब रहे।
एमएलसी चुनाव में भाजपा की बंपर जीत, उच्च सदन में भी बहुमत
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में 100 सीटें हैं और इस बंपर जीत के साथ भाजपा राज्य के उच्च सदन में भी अब बहुमत में आ गई है। ऐसे में ये पहली बार है जब भाजपा राज्य में विधान सभा और विधान परिषद दोनों सदन में बहुमत में आ गई है। इस चुनाव से पहले तक 100 सदस्यीय उच्च सदन में भाजपा के 34 सदस्य थे।
बता दें कि जिन 27 सीटों पर मतदान शनिवार को हुए थे, उसमें मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, पीलीभीत-शाहजहांपुर, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महाराजगंज, देवरिया, आजमगढ़-मऊ, बलिया, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, इलाहाबाद, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फरुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मेरठ-गाजियाबाद और मुजफ्फरनगर-सहारनपुर शामिल हैं।
राज्य विधान परिषद की 36 सीटें सात मार्च को संबंधित सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के कारण रिक्त हो गई थीं। वहीं, सदन की 37वीं सीट नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन के निधन की वजह से खाली हुई है।
(भाषा इनपुट)