UP: सरकार चुनाव में व्यस्त रही, किसान पराली जलाते रहे, 2807 मामले आए सामने, महाराजगंज रहा अव्वल
By राजेंद्र कुमार | Updated: November 22, 2024 18:34 IST2024-11-22T18:34:26+5:302024-11-22T18:34:47+5:30
कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में पराली जलाने के अब तक 2807 मामलों सामने आ चुके हैं, जबकि बीते वर्ष इस अवधि के दौरान करीब 2200 सामने आए थे। सबसे अधिक पराली जलाने के 203 मामले महराजगंज में सामने आए हैं।

UP: सरकार चुनाव में व्यस्त रही, किसान पराली जलाते रहे, 2807 मामले आए सामने, महाराजगंज रहा अव्वल
लखनऊ: बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों की जान ले रहा है। 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों को बीमार बना रहा हैं. ऐसे में किसानों को पराली जलाने से रोकने के तमाम प्रयास योगी सरकार कर रही हैं। इसी क्रम में सीएम योगी ने किसानों से पराली ना जलाने की अपील भी की। यही नहीं किसान पराली ना जलाने इसके लिए केंद्र सरकार ने गत 6 नवंबर को पराली जला रहे किसानों से दोगुना जुर्माना वसूले का आदेश जारी किया।
इसके बाद भी यूपी के किसान पराली जलाने के संकोच नहीं कर रहे। कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में पराली जलाने के अब तक 2807 मामलों सामने आ चुके हैं, जबकि बीते वर्ष इस अवधि के दौरान करीब 2200 सामने आए थे। सबसे अधिक पराली जलाने के 203 मामले महराजगंज में सामने आए हैं। पराली जलाने वाले किसानों से जुर्माना वसूला जा रहा है, लेकिन सूबे के किसान पराली जलाने से मान नहीं रहे हैं। अफसरों का कहना है कि उपचुनाव के चलते सूबे में पराली जलाने वाले किसानों पर सख्ती नहीं की जा रही है, इसके चलते ही किसान पराली जलते रहे हैं।
फिलहाल यूपी में कृषि विभाग के अफसरों ने पराली जलाने वाले किसानों पर अब तक 31.28 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसके सापेक्ष 14.60 लाख रुपये की वसूली अब तक हुई है। प्रदेश के संयुक्त निदेशक कृषि जेपी चौधरी के अनुसार, प्रदेश में फसल अवशेष जलाने और अन्य कारणों से खेतों के करीब उठे धुएं से जुड़े सबसे अधिक 203 मामले महाराजगंज में सामने आए हैं।
इसके बाद अलीगढ़ में 173, कानपुर देहात में 173, और मथुरा में 129 घटनाएं देखी गई हैं. सिद्धार्थनगर, रामपुर, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, नोएडा, भदोही, वाराणसी, आजमगढ़ आदि जिलो में भी पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं, लेकिन इस बार यह घटनाएं बीते साल के मुक़ाबले कम हुई हैं. चौधरी के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में जहां पराली जलाने से वायु प्रदूषण हो रहा हैं, वही शहरी इलाकों में कूड़ा और सूखी पत्ती जलाने से वायु प्रदूषण हो रहा है।
इसे रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन पराली जलाने से किसान बाज नहीं आ रहे, जिसके चलते अब पराली जलाने वाले किसानों से दुगना जुर्माना वसूलने की कारवाई की जा रही है। एटा में किसान रामदेवी द्वारा धान की पराली में आग लगाने को लेकर 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। इसी प्रकार अब तक 54 कंबाइन हार्वेस्टर सीज किए गए हैं जो बिना सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के चल रहे थे. चौधरी के अनुसार गत 18 नवंबर तक कृषि विभाग ने पराली जलाने के 2807 मामलों में कार्रवाई की है.
पराली जलाने पर किसानों पर लगेगा इतना जुर्माना :
जेपी चौधरी का कहना है कि केंद्र सरकार के फैसले के अनुसार अब पराली जला रहे किसानों को दोगुना जुर्माना देना होगा। इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरनमेंट, फॉरेस्ट एंड क्लाइमेट चेंज ने नोटिफिकेशन जारी किया है। सभी राज्य सरकारों को भी कहा गया है कि वे नई दरों को तुरंत लागू करें।
नई दरें पांच हजार से 30 हजार रुपये तक की हैं, जबकि इससे पहले यह दरें ढाई हजार से 15 हजार रुपये तक की थी। अब दो एकड़ से कम जमीन वाले किसान को पराली जलाने पर 2500 रुपए से लेकर 5000 रुपए तक जुर्माना देना होगा, जबकि दो से पांच एकड़ तक जमीन वाले किसान को पराली जलाने पर 5000 रुपए से लेकर 10,000 रुपए तक जुर्माना देना होगा और पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसान को पराली जलाने पर 15000 रुपए से लेकर 30,000 रुपए तक का जुर्माना देना होगा।