UP Assembly Bypolls: 2024: मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के अजीत प्रसाद लड़ेंगे चुनाव!
By राजेंद्र कुमार | Updated: August 25, 2024 18:21 IST2024-08-25T18:17:13+5:302024-08-25T18:21:25+5:30
अजीत प्रसाद फैजाबाद (अयोध्या) सीट से सपा के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। अवधेश प्रसाद सांसद बन जाने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई थी।

UP Assembly Bypolls: 2024: मिल्कीपुर विधानसभा सीट से सपा के अजीत प्रसाद लड़ेंगे चुनाव!
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की सबसे हाई प्रोफाइल विधानसभा सीट मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद को चुनाव लड़ाने पर अपनी रजामंदी रविवार को जता दी। अजीत प्रसाद फैजाबाद (अयोध्या) सीट से सपा के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे हैं। अवधेश प्रसाद सांसद बन जाने के बाद मिल्कीपुर सीट खाली हो गई थी।
इस सीट के खाली होने के बाद से ही यहां अजीत प्रसाद को चुनाव मैदान में उतारे जाने की चर्चा थी। अवधेश प्रसाद भी यह चाह रहे थे कि उनके पुत्र अजीत ही इस सीट से चुनाव लड़े, लेकिन पार्टी के कई नेता इसके खिलाफ थे। पार्टी के कई नेता परिवारवाद के नाम पर अवधेश प्रसाद के बेटे को चुनाव मैदान में उतारे जाने का विरोध कर रहे थे।
रविवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी के सीनियर नेताओं के साथ चर्चा कर अजीत प्रसाद को ही मिल्कीपुर सीट से चुनाव लड़ाने पर सहमति जता दी। अब अजीत प्रसाद इस सीट से चुनाव जीतने के लिए गांव-गांव में वोट मांगते दिखेंगे।
अजीत को टिकट देने की यह है वजह :
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर यादव, पासी और ब्राह्मण समाज ही उम्मीदवार की जीत को तय करता है। इस विधान सभा सीट पर सबसे ज्यादा करीब 65 हजार यादव मतदाता हैं। इसके बाद करीब 60 हजार पासी, 50 हजार ब्राह्मण, 35 हजार मुस्लिम, 25 हजार ठाकुर, गैर-पासी दलित 50 हजार, मौर्य 8 हजार, चौरासिया 15 हजार, पाल 8 हजार, वैश्य 12 हजार के करीब हैं। इसके अलावा 30 हजार अन्य जातियों के वोट हैं।
सपा इस सीट पर यादव-मुस्लिम-पासी समीकरण के सहारे जीत दर्ज करती रही है तो भाजपा सवर्ण और दलित वोटों को साधकर जीतने में सफल रही है। मिल्कीपुर सुरक्षित सीट होने के बाद से यहां दो बार सपा जीती है और एक बार भाजपा ने कब्जा जमाया है। अजीत के पिता अवधेश प्रसाद वर्ष 2017 और वर्ष 2022 में इस सीट से चुनाव जीते हैं।
बीते विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने भाजपा के गोरखनाथ को चुनाव में हराया था। इसी कारण अखिलेश यादव ने इस सीट से अवधेश प्रसाद के पुत्र को ही चुनाव लड़ाने का फैसला किया, जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस सीट के सामाजिक समीकरण को देखते हुए पार्टी के पुराने नेता राम गोपाल कोरी को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने अभी तक इस सीट से अपना उम्मीदवार तय नहीं किया है। कहा जा रहा है कि जल्दी ही उम्मीदवार का नाम तय कर लिया जाएगा।
सीएम योगी और अखिलेश एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे
राज्य के नौ विधायकों के सांसद चुने जाने और कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट के विधायक को सात साल की सजा सुनाये जाने के बाद सीट रिक्त हुई है। इन सभी 10 सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित हैं। अभी चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव वाली सीटों पर चुनाव प्रचार भी करने लगे हैं। ऐसे में मिल्कीपुर सीट से सपा और बसपा के उम्मीदवार घोषित होने के बाद अब इस सीट पर कांटे की टक्कर होने का अनुमान लगाया जाने लगा है।
कहा जा रहा है कि बीते लोकसभा चुनाव में फैजाबाद संसदीय सीट पर सपा के अवधेश प्रसाद के हाथों मिली करारी शिकस्त से भाजपा को झटका लगा था। ऐसे में सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा नेता मिल्कीपुर सीट को जीतने के लिए पूरी ताकत लगाएंगे।
इस मामले में कोई सुस्ती ना होने पाए इसके लिए खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को जीतने का दायित्व अपने ऊपर लिया है और बीते दस दिनों में वह तीन बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं। अभी वह यहां फिर से चुनाव प्रचार करने आएंगे।
जाहिर है कि सूबे की जिस सीट पर पार्टी के प्रत्याशी को जीतने के लिए खुद मुख्यमंत्री मेहनत कर रहे हो वहां होनी होने वाले हाई प्रोफाइल क्यों नहीं हो जाएगा। यह सब सोच समझ कर ही अखिलेश यादव ने अजीत प्रसाद को चुनाव मैदान में उतार कर चुनाव को और रोचक बना दिया है। अब सीएम योगी और अखिलेश यादव अपने-अपने उम्मीदवार को जीतने में एक दूसरे के मोर्चा लेते नजर आएंगे।