यूपी: 2022 में किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेगी समाजवादी पार्टी, दुश्मनी भुलाकर अखिलेश-शिवपाल होंगे एकजुट!

By स्वाति सिंह | Published: November 14, 2020 04:49 PM2020-11-14T16:49:28+5:302020-11-14T21:33:19+5:30

पूर्व में शिवपाल यादव भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी बहुत बढ़ गई थी। शिवपाल ने बाद में सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था।

UP: Akhilesh Yadav hints at electoral tie-up with estranged uncle for UP Assembly polls | यूपी: 2022 में किसी बड़े दल से गठबंधन नहीं करेगी समाजवादी पार्टी, दुश्मनी भुलाकर अखिलेश-शिवपाल होंगे एकजुट!

अखिलेश ने भाजपा पर बिहार विधानसभा के हालिया चुनाव में महागठबंधन को बेईमानी से हराने का आरोप लगाया

Highlightsअखिलेश यादव ने शिवपाल से गठबंधन के स्पष्ट संकेत दिए अखिलेश यादव ने कहा कि तालमेल की स्थिति में सरकार बनने पर वह शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे।

इटावा: समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदी शिवपाल सिंह यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) से गठबंधन के स्पष्ट संकेत देते हुए शनिवार को कहा कि तालमेल की स्थिति में सरकार बनने पर वह शिवपाल को कैबिनेट मंत्री बनाएंगे। अखिलेश ने यहां संवाददाता सम्मेलन में आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की संभावना के सवाल पर कहा, "छोटे दलों से तो एडजस्टमेंट होगा लेकिन बड़े दलों से कोई गठबंधन नहीं होगा।"

उन्होंने बसपा से भी किसी भी तरह के गठबंधन की संभावना से इनकार किया। इस सवाल पर कि क्या वह अपने चाचा शिवपाल यादव की पार्टी से भी गठबंधन कर सकते हैं, सपा अध्यक्ष ने कहा, "उस पार्टी को भी एडजेस्ट करेंगे। जसवंतनगर उनकी (शिवपाल) सीट है। समाजवादी पार्टी ने वह सीट उनके लिए छोड़ दी है और आने वाले समय में उनके लोग मिलें, सरकार बनाएं, हम उनके नेता को कैबिनेट मंत्री भी बना देंगे... और क्या एडजस्टमेंट चाहिए?"

गौरतलब है कि पूर्व में शिवपाल यादव भी समाजवादी पार्टी से गठबंधन की इच्छा जता चुके हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अखिलेश और शिवपाल के बीच तल्खी बहुत बढ़ गई थी। शिवपाल ने बाद में सपा से अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया था। अखिलेश ने भाजपा पर बिहार विधानसभा के हालिया चुनाव में महागठबंधन को बेईमानी से हराने का आरोप लगाते हुए कहा कि सबसे ज्यादा जनसमर्थन महागठबंधन की रैलियों में था। जितने भी सर्वे हुए उन सभी में गठबंधन को ऐतिहासिक जीत की तरफ बताया गया था लेकिन जब मशीन खुली, परिणाम आया, नतीजे रोके गए और जीत के प्रमाण पत्र किसी और को दे दिए गए। उत्तर प्रदेश की सात विधानसभा सीटों के पिछले दिनों हुए उपचुनाव में सपा का प्रदर्शन आशा के अनुरूप न रहने के सवाल पर अखिलेश ने कहा "जब चुनाव जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी, थानाध्यक्ष और सिपाही लड़ेंगे तो और कौन जीतेगा?

उपचुनाव में भाजपा चुनाव नहीं लड़ रही थी बल्कि उसकी सरकार के अधिकारी लड़ रहे थे।" प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा "भ्रष्टाचार और अन्याय का सबसे ज्यादा विकास भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हुआ है। अगर कोई जनता को अपमानित कर रहा है और उसे तकलीफ दे रहा है तो जनता को जब मौका मिलेगा तो वह उस सरकार को बाहर कर देगी।" इस मौके पर बड़ी संख्या में बसपा और कांग्रेस के नेता तथा कार्यकर्ता सपा में शामिल हो गए। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश ने सभी का स्वागत करते हुए कहा कि इससे सपा को और मजबूती मिलेगी।

Web Title: UP: Akhilesh Yadav hints at electoral tie-up with estranged uncle for UP Assembly polls

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