उन्नाव रेप मामलाः धमकी, प्रताड़ना और मौतों के बाद सुप्रीम कोर्ट सख्त, जानिए पिछले दो साल में क्या-क्या हुआ

By आदित्य द्विवेदी | Published: August 1, 2019 11:28 AM2019-08-01T11:28:48+5:302019-08-01T11:28:48+5:30

उन्नाव रेप केसः पिछले दो साल के दौरान धमकी, प्रताड़ना और हादसों की पूरी कहानी...

Unnao Rape case complete timeline supreme court kuldeep singh sengar | उन्नाव रेप मामलाः धमकी, प्रताड़ना और मौतों के बाद सुप्रीम कोर्ट सख्त, जानिए पिछले दो साल में क्या-क्या हुआ

उन्नाव रेप मामलाः धमकी, प्रताड़ना और मौतों के बाद सुप्रीम कोर्ट सख्त, जानिए पिछले दो साल में क्या-क्या हुआ

Highlightsसीजेआई ने इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए सीबीआई से जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है।सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में सख्ती दिखाई है लेकिन पिछले दो साल के दौरान एक परिवार के साथ बहुत कुछ हुआ

उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार (1 अगस्त) को सभी केस उत्तर प्रदेश के बाहर ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले पर सख्ती दिखाते हुए सीबीआई से जांच की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सॉलिसिटर जनरल और सीबीआई अधिकारी को मौजूद रहने का फरमान सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में सख्ती दिखाई है लेकिन पिछले दो साल के दौरान एक परिवार के साथ बहुत कुछ हुआ है। पढ़िए पिछले दो साल के दौरान धमकी, प्रताड़ना और हादसों की पूरी कहानी...

4 जून 2017: उन्नाव की एक युवती ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया। पीड़िता ने कहा कि वो नौकरी के सिलसिले में अपने एक रिश्तेदार के साथ विधायक के घर गई थी जहां उसके साथ बलात्कार हुआ।

11 जून 2017: इस घटना के बाद पीड़िता लापता हो गई। परिवार वालों ने पुलिस में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 

20 जून 2017ः पीड़िता औरैया के एक गांव से मिली। उसने कहा कि उसे विधायक के कहने पर अपहरण किया गया था।

22 जून 2017ः पुलिस ने पीड़िता को कोर्ट में पेश किया और सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत उसका बयान रिकॉर्ड किया गया। पीड़िता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने बयान में विधायक का नाम नहीं लेने दिया है। 

3 जुलाई 2017ः पीड़िता को उसके परिवारवालों को सौंप दिया गया। पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर वह दिल्ली चली गई। इसके बाद उसने मुख्यमंत्री दफ्तर और वरिष्ठ पुलिस अफसरों को शिकायत भेजी। इसमें उसने विधायक और उसके भाई अतुल सिंह के खिलाफ रेप केस दर्ज कराने की मांग की। 

24 फरवरी 2018ः पीड़िता की मां ने उन्नाव के चीफ जूडिशल मजिस्ट्रेट कोर्ट का रुख किया और सीआरपीसी के सेक्शन 156 (3) के तहत एफआईआर दर्ज कराने की मांग की। 

3 अप्रैल 2018ः कोर्ट ने पीड़िता की मां की अर्जी पर सुनवाई की। इस सुनवाई में लड़की का परिवार भी शामिल हुआ था। इसी शाम, लड़की के पिता को कथित तौर पर अतुल सिंह और उसके सहयोगी मक्खी ने बुरी तरह पीटा। लड़की के पिता को पुलिस को सौंप दिया गया, उन्होंने सेक्शन 25 के तहत मामला दर्ज कराया।

5 अप्रैल 2018ः मेडिकल जांच के बाद पीड़िता के पिता को जेल भेज दिया गया। पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि उसे फंसाया जा रहा है और विधायक के भाई ने उसे बुरी तरह पीटा है।

8 अप्रैल 2018ः पीड़िता ने विधायक के खिलाफ एफआईआर की मांग करते हुए लखनऊ में मुख्यमंत्री आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की। 

9 अप्रैल 2018ः जिला कारागर से शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में पीड़िता के पिता की मौत हो गई। इसके बाद यूपी पुलिस ने छह पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया। पुलिस ने पीड़िता के पिता के साथ मारपीट करने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया। ये सभी विधायक कुलदीप सेंगर के सहयोगी थे। 

10 अप्रैल 2018ः पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया कि पीड़िता के पिता के शरीर पर 14 जगह चोट के निशान थे। 

12 अप्रैल 2018ः मामला सीबीआई को सौंपा गया और विधायक कुलदीप सेंगर को नाबालिग से रेप का आरोपी बनाया गया। 

13 अप्रैल 2018ः कुलदीप सेंगर को सीबीआई ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया। बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 

11 जुलाई 2018ः सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की, जिसमें कुलदीप सेंगर का नाम था और उसके भाईयों का नाम था। 

13 जुलाई 2018ः दूसरी चार्जशीट फाइल की गई, जिसमें पीड़िता के पिता को कथित तौर पर फंसाने के मामले में कुलदीप सेंगर, उनके भाई, तीन पुलिसकर्मी और 5 अन्य लोगों का नाम शामिल था। 

3 सितंबर 2018: उत्तर प्रदेश के उन्नाव गैंगरेप कांड के मुख्य गवाह यूनुस की मौत के मामले में विसरा रिपोर्ट आ गई है। पुलिस के मुताबिक विसरा रिपोर्ट में  मौत में जहर देने की पुष्टि नहीं हुई है। यूनुस की मौत 18 अगस्त को हुई थी। जिसके बाद पीड़िता के चाचा ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के करीबियों पर जहर देकर हत्या करने का आरोप लगाया था। यूनुस उत्राव रेप केस में सीबीआई के पांच मुख्य गवाहों में से एक था।

28 जुलाई 2019ः जब पीड़िता अपनी मौसी, चाची और वकील के साथ लखनऊ जा रही थी, तब कार दुर्घटना हुई। इसमें चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि पीड़िता और वकील के हालत गंभीर बनी हुई है। 

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