उन्नाव मामला: कुलदीप सिंह सेंगर को राहत नहीं, जुर्माने की 25 लाख रुपए की राशि 60 दिन में दो, सजा निलंबित करने से इंकार

By भाषा | Published: January 17, 2020 07:12 PM2020-01-17T19:12:21+5:302020-01-17T19:12:21+5:30

अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ सेंगर की याचिका पर अदालत ने पीड़िता से जवाब भी मांगा है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सेंगर को जुर्माने की 25 लाख रुपए की राशि 60 दिन में देने की अनुमति दी जिनमें से 10 लाख रुपए बिना किसी शर्त के पीड़िता को दिए जाएंगे।

Unnao case: no relief to Kuldeep Singh Sengar, fine of 25 lakh rupees in 60 days, refuses to suspend sentence | उन्नाव मामला: कुलदीप सिंह सेंगर को राहत नहीं, जुर्माने की 25 लाख रुपए की राशि 60 दिन में दो, सजा निलंबित करने से इंकार

आपको 10 लाख रुपये पीड़ित को देने हैं और इसके लिए कोई शर्त नहीं हो सकती।

Highlightsअदालत ने कहा कि उसका विचार सेंगर की सजा या जुर्माने की रकम निलंबित करने का नहीं है।पीठ ने कहा कि इस मामले में पीड़ित के साथ कई हादसे हो चुके हैं।

भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली और अदालत ने उन्नाव में 2017 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म के मामले में उसे सुनायी गयी आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने से इंकार कर दिया।

अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ सेंगर की याचिका पर अदालत ने पीड़िता से जवाब भी मांगा है। न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सेंगर को जुर्माने की 25 लाख रुपए की राशि 60 दिन में देने की अनुमति दी जिनमें से 10 लाख रुपए बिना किसी शर्त के पीड़िता को दिए जाएंगे।

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उसका विचार सेंगर की सजा या जुर्माने की रकम निलंबित करने का नहीं है क्योंकि वह अन्य मामलों में भी अभियोजन का सामना कर रहा है। इसके बाद उसके वकील ने सजा निलंबित करने की मांग करने वाली याचिका वापस ले ली।

पीठ ने कहा कि इस मामले में पीड़ित के साथ कई हादसे हो चुके हैं। मामले के तथ्यों को देखते हुए हम सजा को निलंबित करने के इच्छुक नहीं हैं। आपको 10 लाख रुपये पीड़ित को देने हैं और इसके लिए कोई शर्त नहीं हो सकती।

पीठ ने कहा, ‘‘आपको रिहा नहीं किया जा सकता है क्योंकि आपके खिलाफ अन्य मामले भी हैं जिसमें सुनवाई चल रही है। सुनवाई अदालत का फैसला आपके खिलाफ है, आप आज दोषी हैं, आपको हिरासत में होना चाहिए... आप केवल डेढ़ साल से जेल में हैं। हम सजा को निलंबित नहीं कर रहे हैं।’’

सेंगर के वकील ने दावा किया कि जुर्माना देने के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं और वह परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य है और उसकी विवाहयोग्य दो बेटियां हैं। ऐसे में 25 लाख रुपये जुटाने में उसे दिक्कत आ रही है और निचली अदालत ने रकम जमा करने के लिए 20 जनवरी तक ही वक्त दिया है।

वकील ने अदालत से रकम जमा करने की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया। सीबीआई के वकील ने कहा कि सेंगर की पत्नी भी लोक सेवक हैं और सेंगर को पहले 10 लाख रुपये का भुगतान करना चाहिए जैसा निचली अदालत ने निर्देश दिया है और बाकी के 15 लाख रुपये अदालत में जमा किए जाने हैं। मामले में अगली सुनवाई अब चार मई को होगी और अदालत ने अपील को 'नियमित मामलों' की श्रेणी में रखा है। 

Web Title: Unnao case: no relief to Kuldeep Singh Sengar, fine of 25 lakh rupees in 60 days, refuses to suspend sentence

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