सरकार ने संसद में कहा, "साल 2014 से अब तक 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' योजना के फंड का 54 फीसदी हिस्सा मीडिया प्रचार पर खर्च हुआ"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 27, 2022 10:35 PM2022-07-27T22:35:28+5:302022-07-27T22:43:03+5:30
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सदन में बताया कि साल 2014 से 2022 तक 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना पर कुल 740.18 करोड़ रुपये खर्च हुआ, जिसमें केवल मीडिया अभियान पर 401.04 करोड़ खर्च किया गया, जो कुल व्यय का लगभग 54 फीसदी है।
दिल्ली:संसद के लोकसभा में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि साल 2014 से लेकर अब तक मोदी सरकार की महत्वकांक्षी योजना 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के लिए निर्धारित कुल धनराशी में से 401 करोड़ रुपया यानी 54 फीसदी हिस्सा केवल इस योजना के प्रचार के लिए मीडिया पर खर्च किया गया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के जरिये बाल लिंगानुपात में गिरावट और लड़कियों और महिलाओं के जीवन को सशक्त बनाने के लक्ष्य से चलाया गया है। इस योजना के तहत देश के कुल 405 जिलों का चयन किया गया, जिनमें मीडिया, जागरूकता अभियान सहित अन्य तमाम तरीके से नागरिकों के बीच बेटियों को लेकर सकारात्मक चेतना फैलाने का प्रयास किया गया।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में मंत्री स्मृति ईरानी ने सदन को बताया कि वित्त वर्ष 2014-15 से 2021-22 तक 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना पर कुल 740.18 करोड़ रुपये खर्च हुआ, जिसमें केवल मीडिया अभियान पर 401.04 करोड़ खर्च किया गया जो कुल व्यय का लगभग 54 फीसदी है।
उन्होंने कहा कि चूंकि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना को समाज में बालिकाओं के विषय में व्यवहारिक बदलाव लाने के लिए डिजाइन किया गया था, इसलिए लिहाज से योजना के प्रारंभिक चरण में जागरूकता और व्यवहार परिवर्तन पैदा करने के लिए मीडिया के जरिये प्रचार-प्रसार की जरूरत थी। इस कारण सरकार को 401.04 करोड़ रुपये इस संबंध में खर्च करना पड़ा।
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ईरानी ने इस विषय में लिखित जवाब देते हुए कहा कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना के तहत जनता के बीच इसके ब्रैंड प्रमोशन की आवश्यकता थी। इसलिए सरकार ने इस दिशा में विशे। कदम उठाते हुए मीडिया के लिए धन का आवंटन किया।
मीडिया पर खर्च की गई धनराशि को आवश्यक बताते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि सरकार ने इस दिशा में गंभीर प्रयास किये और यही कारण है कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना मीडिया खर्च के कारण इतना लोकप्रिय हुआ कि इसके स्टीकर्स को लोगों ने अपने निजी वाहनों पर लगाया और रात में घर पर खाते समय परिवार के बीच यह चर्चा का विषय बना।
इस संबंध में अपने जवाब के अंत में केंद्रीय मंत्री ने यह कहा कि चूंकि अब मीडिया प्रचार के कारण 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' योजना लोगों के बीच जागरूकता पैदा करने में सक्षम हो गया है, इस कारण केंद्र ने बीते दो सालों से इसका मीडिया बजट शून्य या फिर न्यूनतम कर दिया गया है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)