नई दिल्ली: देश में विदेशी ई—कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ भारतीय व्यापारी संघों की लामबंदी और स्वदेशी जागरण मंच की ओर से लगातार स्वदेशी को बढ़ावा देने के दबाव के बीच केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि स्वदेशी का मतलब आधुनिकता से परहेज नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हम स्वदेशी की बात करते हैं तो यह केवल भारतीय कौशल और उद्यमिता को मान्यता देने का विषय है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने केंद्रीय बजट में करीब ऐसे सौ उत्पादों पर इंपोर्ट डयूटी को बढ़ाया गया है जिससे 9 बिलियन डॉलर का सामान भारत आता है। उन्होंने एचबीएल चेंज मेकर अवार्ड को संबोधित करते हुए कहा कि जिन उत्पादों पर आयात शुल्क बढ़ाया गया है उसमें दैनिक जीवन से जुड़े कई उत्पाद है।
इनमें जूता—चप्पल, फर्नीचर, ताला जैसे उत्पाद भी शामिल है। उन्होंने कहा कि अगरबती जैसे उत्पाद भी बड़ी संख्या में आयात किये जा रहे थे। जबकि यह हमारा परंपरागत उत्पाद है। लेकिन इसका लाभ विदेशी कंपनियों को हो रहा है।
दूसरी ओर, हमारे उत्पाद उनसे बेहतर, सस्ते और अच्छे हैं। इसी तरह से क्या हम खिलौना बनाकर भारत का आयात बिल कम नहीं कर सकते हैं। ऐसा करने से हम अपना कारोबार तो बढ़ा ही सकते हैं, इसके साथ ही लाखों नई नौकरी भी सृजित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि जब भी हम खरीदारी करें तो एक भारतीय होने के नाते यह एक बार जरूर सोचें कि क्या हम भारत में निर्मित वस्तु नहीं खरीद सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पास कुशल कर्मचारी और उद्यमी है। हमारे पास तकनीक भी हैं। बस जरूरत है एक सही सोच की। इससे स्वदेशी और भारतीय उद्यमिता एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने चेंज मेकर अवार्ड जैसे कार्यक्रमों को एक बेहतरीन कदम करार देते हुए कहा कि इससे प्रतिभावान लोग आगे आएंगे। उनका विश्वास बढ़ेगा। उन्हें प्रतिष्ठा, मान्यता और पैसा मिलेेगा। जिससे नए लोग भी कुछ नया करने के लिए आगे आएंगे।