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महाराष्ट्र: मोदी सरकार से शिवसेना ने तोड़ा नाता, अरविंद सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा की

By विनीत कुमार | Updated: November 11, 2019 08:20 IST

शिवसेना सांसद और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने इस्तीफा देने की घोषणा की है। इसे महाराष्ट्र में एनसीपी की ओर सरकार बनाने के लिए रखे गये प्रस्ताव के बाद का उठाया गया अहम कदम माना जा रहा है।

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ठळक मुद्देमोदी सरकार में मंत्री शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने मंत्री पद से इस्तीफे की घोषणा कीएनसीपी ने रखा था शिवसेना के सामने ऐसा प्रस्ताव, आज शाम राज्यपाल से मिल सकते हैं शिवसेना विधायक

महाराष्ट्र में शिवसेना के एनसीपी के साथ सरकार बनाने की अटकलों के बीच केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में शिवसेना के मंत्री अरविंद सावंत ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है। अरविंद सावंत के पास भारी उद्योग एवं लोक उद्यम मंत्रालय है। मोदी सरकार में अरविंद सावंत शिवसेना के इकलौते मंत्री हैं।

अरविंद सावंत ने ट्वीट किया, 'शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली सरकार में क्यों रहे? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस बारे में आज सुबह 11 बजे मैं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करूंगा।'

अरविंद सावंत के इस्तीफे की घोषणा को महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति के मुताबिक अहम माना जा रहा है। दरअसल, बीजेपी के शिवसेना को सीएम पद देने से इनकार और 50-50 के फॉर्मूले पर दोनों पार्टियों के बीच जारी गतिरोध के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि उद्धव ठाकरे एनसीपी के साथ जा सकते हैं। हालांकि, एनसीपी ने प्रस्ताव रखा है कि अगर शिवसेना को सरकार बनाने के लिए एनसीपी के साथ आना है तो सबसे पहले केंद्र के मोदी सरकार से नाता तोड़ना होगा।

शिवसेना को राज्यपाल ने भेजा है न्योता

बीजेपी के इनकार के बाद महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विधानसभा चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी शिवसेना को सरकार बनाने का रविवार को न्योता भेजा था। महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास 56 विधायक हैं जबकि सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी के पास 105 विधायक हैं। शिवसेना के पास 56 विधायक हैं, जबकि सरकार बनाने के लिए उसे कम से कम 145 विधायकों की जरूरत है। 

राज्यपाल ने शनिवार को चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आयी बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था। लेकिन कार्यकारी सरकार के प्रमुख मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने बहुमत की कमी का हवाला देते हुए सरकार बनाने में असमर्थता जतायी। अब राज्य में सरकार बनाने में कांग्रेस (44 विधायक) और एनसीपी (54 विधायक) के 98 विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गयी है। अगर शिवसेना महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाती है, तब भी उसके पास कुल 154 विधायक होंगे जो सामान्य बहुमत से कुछ ही ज्यादा है।

(भाषा इनपुट)

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