अगली बार ई-जनगणना, असम में अमित शाह बोले- अगले 25 वर्षों की नीतियों को आकार देगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 9, 2022 10:38 PM2022-05-09T22:38:56+5:302022-05-09T22:40:06+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जन्म और मृत्यु रजिस्टर को जनगणना से जोड़ा जाएगा। 2024 तक हर जन्म और मृत्यु का पंजीकरण होगा यानी हमारी जनगणना अपने आप अपडेट हो जाएगी।
आमिनगांवः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि देश में जनगणना प्रक्रिया के डिजिटल होने से अगली जनगणना कवायद के दौरान 100 फीसदी सटीक गणना की उम्मीद की जा सकती है। उन्होंने कहा, '' अगली जनगणना ई-मोड के जरिये की जाएगी, जिससे 100 फीसदी सटीक गणना होगी और इसके आधार पर अगले 25 साल के लिए देश के विकास की योजनाएं बनाई जाएंगी।''
The next e-Census will shape the policies of the next 25 years. I and my family will be the first to fill all details online in the software when it is launched: Union Home Minister Amit Shah
— ANI (@ANI) May 9, 2022
गृह मंत्री ने कहा, ''जनगणना कई मायनों में अहम है। असम जैसे राज्य के लिए यह और भी महत्वपूर्ण है जोकि आबादी के लिहाज से संवेदनशील है।'' कोविड-19 महामारी के चलते जनगणना प्रक्रिया में देरी हुई है। यहां जनगणना अभियान (असम) महानिदेशालय के कार्यालय भवन का उद्घाटन करने के बाद शाह ने देश की विकास योजनाओं के बेहतर नियोजन के लिए सटीक गणना के महत्व पर जोर दिया।
Assam | The census has an important role in policymaking. Only census can tell what is the status of development, SC & ST, and what kind of lifestyle people have in mountains, cities & villages: Union Home Minister Amit Shah at the inauguration of the census office in Amingaon pic.twitter.com/Cau5WS3opl
— ANI (@ANI) May 9, 2022
बिहार में 2010 के प्रारूप में लागू होना चाहिए एनपीआर : नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को उसके 2010 प्रारूप में ही लागू किया जाना चाहिए। अपने साप्ताहिक जनसंपर्क कार्यक्रम के मौके पर कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘‘बिहार सरकार ने पहले ही केंद्र को एक पत्र लिखकर एनपीआर फॉर्म से विवादास्पद खंडों को हटाने की मांग की है। हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी को नए प्रारूप में माता-पिता के जन्मस्थान जैसी जानकारी देने के लिए नहीं कहा जाना चाहिए।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू किए जाने के संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान के बारे में पूछे जाने पर कुमार ने कहा, ‘‘वह (शाह) तीन पड़ोसी देशों से आने वाले अल्पसंख्यक प्रवासियों की नागरिकता के बारे में बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि महामारी खत्म होते ही यह कवायद शुरू हो जाएगी।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह गृह मंत्रालय का विषय है। मैं इस पर क्या कह सकता हूं?’’ कुमार ने कहा कि जहां तक एनपीआर की कवायद का सवाल है ‘‘हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि इसे 2010 के प्रारूप के अनुसार लागू किया जाना चाहिए।’’
नए एनपीआर फॉर्म में माता-पिता के जन्म की तारीख और स्थान तथा आवेदक के अंतिम आवासीय पते जैसे अतिरिक्त प्रश्न हैं, जिससे विवाद पैदा हुआ था तथा कई विपक्षी दलों ने इसका विरोध किया था। बिहार के अलावा, केरल, पश्चिम बंगाल और पंजाब जैसे राज्यों की सरकारों ने राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2020 के क्रियान्वयन पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि इससे राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) की राह तैयार होगी। कुमार ने बिहार मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनका कोई आधार नहीं है।
अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के अलावा अन्य जातियों की जनगणना कराने से केंद्र के इनकार के बाद राज्य में जाति-आधारित जनगणना कराने की बिहार की योजना पर एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘हम जल्द ही इस मुद्दे पर एक सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे।’’