केंद्र की मोदी सरकार ने हज यात्रा के लिए मिलने वाली सब्सिडी समाप्त कर दी है। सब्सिडी की घोषणा करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सब्सिडी के फंड का इस्तेमाल मुस्लिम लड़कियों की पढ़ाई में खर्च किया जाएगा। नकवी ने कहा कि यह बिना तुष्टीकरण के अल्पसंख्यकों को समृद्ध बनाने की सरकार की नीति का हिस्सा है। इससे पहले मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को बिना मेहरम के हज पर जाने की इजाजत दी थी। इस साल एक लाख 75 हजार मुस्लिम हज यात्रा पर जाने वाले हैं। जिनकी यात्रा की सब्सिडी पर करीब 700 करोड़ रुपये का बोझ पड़ता।
अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के कमाल फारुकी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा मुसलमानों में यह गलत धारणा धारणा थी की उन्हें इससे सहायता प्राप्त हो रहीं है बल्कि इस सरकारी योजना के तहत सबसे बड़ा लाभार्थी एयर इंडिया था।
वहीं कमाल फारुकी के बयान पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि यह कहना पूरी तरह से गलत है कि हज सब्सिडी फंड से एजेंटों और कुछ कंपनियों को फायदा होता था। उन्होंने इस मामले को मुस्लिमों के आत्मसम्मान से जोड़ते हुए कहा कि कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी 10 साल के अंदर हज सब्सिडी को धीरे-धीरे खत्म करने का निर्देश दिया था।
यूपीए सरकार के दौरान से ही हज सब्सिडी खत्म करने की दिशा में काम हो रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने इसको अचानक और बहुत जल्दी खत्म कर दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार इतनी जल्दी यह फैसला लेकर मुसलमानों को सख्त संदेश देना चाहती है।
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी ने केंद्र सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि शरई करतब में उधार लेकर या सब्सिडी के पैसे से हज करना हराम माना गया है। इसके अलावा हज के पैसे को अल्पसंख्यक बच्चियों की शिक्षा के लिए खर्च करने का फैसला काबिले तारीफ है।
इससे पहले 2010 में भी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव दिया था लेकिन कोई कोई ठोस हल नहीं निकल सका। साल 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को 2022 तक हज यात्रा की पूरी सब्सिडी खत्म करने के निर्देश दिए थे। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद एक कमेटी गठित की गई जिसने मुस्लिमों की हज यात्रा से सब्सिडी खत्म करने का सुझाव दिया जिसे कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है।
बता दें कि हज यात्रा के लिए सब्सिडी उन्हें मिलती है जो भारत सरकार की हज कमेटी के जरिए यात्रा करते हैं। इस साल हज यात्रा की सब्सिडी का लाभ उठाने वाले लोगों की संख्या 1.70 लाख पहुंच गई। एक आंकड़े के मुताबिक 2011 में हज यात्रा की सब्सिडी के लिए सरकारी खजाने से 685 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।