"इंडिया और भारत में कोई फर्क नहीं", एनसीईआरटी विवाद के बीच बोले केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान
By अंजली चौहान | Published: October 27, 2023 08:57 AM2023-10-27T08:57:52+5:302023-10-27T09:00:51+5:30
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि इंडिया और भारत में कोई अंतर नहीं है और कुछ लोग इसे लेकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एनसीईआरटी किताबों में इंडिया की जगह भारत इस्तेमाल करने को लेकर उपजे विवाद के बीच प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, "इंडिया और भारत के बीच कोई अंतर नहीं है लेकिन कुछ निराश लोग इस पर विवाद पैदा करने के लिए एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।"
मंत्री के बयान से एक दिन पहले ही राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा सभी पाठ्यपुस्तकों में "इंडिया" को "भारत" से बदलने के सुझाव दिया गया था जिसके बाद राजनीति गरमा गई थी। विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध जताते हुए इसे राजनैतिक नौटंकी करार दिया और इतिहास को विकृत करने का प्रयास बताया।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि कुछ समय से इस बात पर विवाद चल रहा है कि हमारे देश को इंडिया या भारत के रूप में जाना जाना चाहिए या नहीं। उन्होंने कहा कि लेकिन फर्क क्या है? भारत और इंडिया में कोई अंतर नहीं है। इस देश का नाम भारत है औपनिवेशिक काल के दौरान अंग्रेजी बोलने वाले लोगों ने देश को इंडिया नाम दिया।
गौरतलब है कि बुधवार को, एनसीईआरटी के सामाजिक विज्ञान पैनल के अध्यक्ष सीआई इस्साक ने कहा कि प्रस्तावित नाम परिवर्तन उसके अंतिम स्थिति पेपर में सात सदस्यीय पैनल द्वारा सर्वसम्मति से की गई सिफारिशों का हिस्सा था। हालांकि, एनसीईआरटी के अध्यक्ष दिनेश सकलानी ने स्पष्ट किया कि पैनल की सिफारिशों पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
एनसीईआरटी ने बुधवार को एक्स पर पोस्ट किया और लिखा, "पाठ्यपुस्तकों में भारत का उल्लेख भारत के रूप में करने की सिफारिश पर हंगामे पर प्रतिक्रिया…एनसीईआरटी का कहना है कि चूंकि नए पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तकों का विकास प्रक्रिया में है और उस उद्देश्य के लिए एनसीईआरटी द्वारा डोमेन विशेषज्ञों के विभिन्न पाठ्यचर्या क्षेत्र समूहों को अधिसूचित किया जा रहा है इसलिए, टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।"