“दुखी” विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा विधायकों को 20 मिनट से अधिक समय नहीं देंगे

By भाषा | Published: July 29, 2021 07:06 PM2021-07-29T19:06:15+5:302021-07-29T19:06:15+5:30

"Unhappy" Speaker Will Not Give BJP MLAs More Than 20 Minutes | “दुखी” विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा विधायकों को 20 मिनट से अधिक समय नहीं देंगे

“दुखी” विधानसभा अध्यक्ष, भाजपा विधायकों को 20 मिनट से अधिक समय नहीं देंगे

नयी दिल्ली, 29 जुलाई दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन अधिनियम (जीएनसीटीडी) में हाल में संशोधन करने के फैसले से “दुखी” विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह सदन में भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को आवंटित किए गए उनके 20 मिनट से एक सेकंड ज्यादा बोलने की अनुमति नहीं देंगे।

गोयल ने कहा कि भाजपा विधायकों ने केंद्र सरकार के निर्णय का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को अपनाकर वह विपक्ष और सत्ताधारी दलों को समय आवंटित करने के मामले में “केवल वही कर रहे हैं जो लोकसभा करती है।” गोयल ने कहा कि जीएनसीटीडी अधिनियम में संशोधन कर केंद्र सरकार दिल्ली विधानसभा की समितियों की शक्ति “छीनना चाहती” है।

मॉनसून सत्र के पहले दिन अध्यक्ष ने कहा, “केंद्र द्वारा सदन की समितियों की शक्तियां छीनने से मैं बेहद दुखी हूं। मैं दुखी इसलिए हूं क्योंकि यह मेरे विधानसभा अध्यक्ष रहते हुआ। देश के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। यह शर्मनाक है।”

गोयल ने कहा कि सदन की कार्यवाही से भोजनावकाश निकालने के बाद चर्चा के लिए तीन घंटे बचेंगे और इसमें से दो घंटे प्रश्नकाल तथा नियम 280 के तहत विशेष उल्लेख के लिए दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 180 मिनट में से सत्तारूढ़ पार्टी के विधायकों को 160 मिनट दिए जाएंगे जबकि भाजपा विधायकों को बोलने के लिए 20 मिनट दिए जाएंगे।

गोयल ने कहा कि भाजपा विधायकों ने सदन की समितियों को शक्तिहीन करने का विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को अपना कर वह वही कर रहे हैं जो विपक्ष और सत्तापक्ष को समय आवंटित करने के लिए लोकसभा करती है।

गोयल ने कहा, “केंद्र ने विधानसभा की शक्तियां छीन लीं और मुझे लगता है कि इसमें विपक्ष के सदस्य मिले हुए हैं। वे दिल्ली विधानसभा के सदस्य हैं और उन्हें जीएनसीटीडी विधेयक के विरुद्ध बोलना चाहिए था लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। विपक्ष इस मामले पर चुप रहा।”

जीएनसीटीडी संशोधन विधेयक 2021 इस साल मार्च में केंद्र द्वारा पारित किया गया था और इसमें स्पष्ट किया गया है कि दिल्ली में सरकार का अर्थ उप राज्यपाल है।

विधेयक में दिल्ली सरकार के लिए अनिवार्य कर दिया गया है कि कोई भी कार्रवाई करने के पहले उप राज्यपाल की सहमति अनिवार्य है।

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Web Title: "Unhappy" Speaker Will Not Give BJP MLAs More Than 20 Minutes

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