बेरोजगारी की मार: देश में 1.03 करोड़ के लिए केवल 1.74 लाख नौकरियां, लॉकडाउन में खत्म हुए कई अवसर
By नितिन अग्रवाल | Published: September 17, 2020 07:46 AM2020-09-17T07:46:43+5:302020-09-17T07:46:43+5:30
श्रम मंत्रालय के अनुसार महाराष्ट्र में 13,32,091 लोग नौकरी मांग रहे हैं लेकिन केवल 3563 उपलब्ध हैं। अगस्त के अंत तक सबसे अधिक नौकरियां गुजरात में उपलब्ध थीं।
देशभर में एक करोड़ से अधिक लोग सीधे तौर पर नौकरी मांग रहे हैं लेकिन इनके लिए महज 1.74 लाख रिक्तियां ही मौजूद हैं। नौकरियां मांगने वालों में सबसे अधिक महाराष्ट्र, यूपी और पश्चिम बंगाल से हैं।
श्रम मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र के 13,32,091 लाख, उत्तर प्रदेश के 14,62,922 तथा पश्चिम बंगाल के 23,61,630 लोगों ने पंजीकरण कराया था। रोजगार मांगने वाले कुल 1.03 करोड़ व्यक्तियों में से आधे केवल इन तीन राज्यों के हैं।
अगस्त के अंत तक उपलब्ध नौकरियों में से गुजरात में सर्वाधिक 6642 नौकरियां तथा 4031 पश्चिम बंगाल में उपलब्ध हैं। अगस्त के अंत तक महाराष्ट्र में रोजगार के लिए पंजीकरण करा चुके 13,32,091 लाख व्यक्तियों के लिए महज 3,563 नौकरियां ही उपलब्ध थीं।
लॉकडाउन में खत्म हुए रोजगार के अवसर
मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि लॉकडाउन में नौकरियां लगभग खत्म हो चुकी थीं। हालांकि अनलॉक में रोजगार के अवसर फिर बढ़ने शुरू हुए हैं। अप्रैल के अंत तक पोर्टल पर केवल 16 तथा मई में 134 रोजगार ही उपलब्ध थे। जून में यह संख्या बढ़कर 24,329 हुई। इसके बाद जुलाई में ये संख्या और बढ़ी और ये 49,542 हुई। अगस्त में ये संख्या 1.03 लाख हो गई।
स्नातक उम्मीदवारों की सबसे अधिक मांग
देश भर में उपलब्ध 1.03 लाख नौकरियों में सबसे अधिक मांग 83, 609 स्नातक तथा 40,587 बारहवीं पास कर चुके उम्मीदवारों के लिए थीं। इसके बाद 19,132 अशिक्षित, 15, 145 दसवीं तथा 10,999 रिक्तियों में न्यूनतम योग्यता के तौर पर 12वीं के बाद डिप्लोमा की मांग की गई थी।
सबसे कम अवसर स्नातक से अधिक योग्यता वालों के लिए थे। कुल नौकरियों में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा करने वालों के लिए मात्र 75 तथा पीएचडी कर चुके उम्मीदवारों के लिए केवल 201 मौके उपलब्ध हैं।