मोबाइल में क्यों दिख रहा है नंबर? यूआईडीएआई बोला- हमने हेल्पलाइन नंबर डालने को नहीं कहा

By भाषा | Published: August 3, 2018 07:34 PM2018-08-03T19:34:01+5:302018-08-03T19:34:01+5:30

यूआईडीएआई ने कहा- हेल्पलाइन नंबर नहीं है और निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम फैला रहे हैं।

Uidai says we Never asked for helpline number to be added to mobile phones | मोबाइल में क्यों दिख रहा है नंबर? यूआईडीएआई बोला- हमने हेल्पलाइन नंबर डालने को नहीं कहा

मोबाइल में क्यों दिख रहा है नंबर? यूआईडीएआई बोला- हमने हेल्पलाइन नंबर डालने को नहीं कहा

नई दिल्ली, 3 अगस्त: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आज कहा कि उसने किसी फोन निर्माता या सेवा प्रदाता को मोबाइल फोन में अपना टोलफ्री हेल्पलाइन नंबर पहले से डालने के लिए नहीं कहा है। प्राधिकरण ने यह भी स्पष्ट किया कि एंड्रायड फोन में पाया जा रहा हेल्पलाइन नंबर 1800-300-1947 पुराना और अमान्य है। प्राधिकरण ने फोन में पहले से ही डाले गये हेल्पलाइन नंबर को लेकर सोशल मीडिया पर जारी विवाद के बीच यह स्पष्टीकरण दिया है। उसने कहा, ‘‘1800-300-1947 वैध यूआईडीएआई हेल्पलाइन नंबर नहीं है और निहित स्वार्थ वाले कुछ लोग इसे लेकर लोगों के बीच भ्रम फैला रहे हैं।’’ 

उसने कहा कि हेल्पलाइन नंबर 1947 है जो कि पिछले दो साल से अधिक समय से परिचालन में है। आधार की अक्सर आलोचना करने वाले तथा खुद को फ्रांसीसी बताने वाले कुख्यात ट्विटर यूजर इलियट एल्डरसन के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर इस बाबत विवाद शुरू हुआ।

बता दें कि हाल ही में यूआईडीएआई ने लोगों से अपनी 12 अंकों वाली आधार संख्या इंटरनेट या सोशल मीडिया पर साझा नहीं करने या अन्य को किसी प्रकार की चुनौती देने से मना किया है। दूरसंचार नियामक ट्राई प्रमुख के आधार को सार्वजनिक करने और नुकसान पहुंचाने की चुनौती के बाद यूआईडीएआई ने यह बात कही है। शर्मा की इस चुनौती के बाद सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी कई निजी जानकारियों को साझा किया गया और उनको ट्रोल भी किया गया।

यूआईडीएआई ने एक बयान में कहा, ‘‘इस प्रकार की चीजें अनावश्यक हैं और इससे बचा जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के अनुरूप नहीं है।’’ भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख आर. एस. शर्मा ने शनिवार को अपनी आधार संख्या सार्वजनिक करते हुए यह चुनौती दी कि कोई यह बताये कि इस संख्या को जानकर कैसे वह उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। उसके बाद कुछ ने ट्विटर पर दावा किया कि उन्हें शर्मा की बैंक खाता संख्या और ई-मेल मिल गया है। हालांकि शर्मा ने इससे इनकार किया और इसे गलत बताया।

यूआईडीएआई ने कहा कि लोगों को सार्वजनिक रूप से इंटरनेट और सोशल मीडिया पर आधार संख्या नहीं डालनी चाहिए और ना ही अन्य को इसे लेकर कोई चुनौती देनी चाहिए।

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों के लिए यहाँ क्लिक करे. यूट्यूब चैनल यहाँ सब्सक्राइब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट!

Web Title: Uidai says we Never asked for helpline number to be added to mobile phones

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे