पाठ्यक्रम अंग्रेजी में होने पर भी छात्रों को स्थानीय भाषाओं में परीक्षा देने दें, यूजीसी ने विश्वविद्यालयों को दिया सुझाव, जानें कारण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 19, 2023 03:25 PM2023-04-19T15:25:33+5:302023-04-19T15:26:02+5:30
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने विश्वविद्यालयों से छात्रों को स्थानीय भाषाओं में परीक्षा लिखने की अनुमति देने को कहा है, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेजी माध्यम में हो।
नई दिल्लीः विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने विश्वविद्यालयों से कहा कि शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में स्थानीय भाषा का इस्तेमाल करें, मूल लेखन के अनुवाद को बढ़ावा दें। छात्रों को स्थानीय भाषाओं में परीक्षा लिखने की अनुमति दें, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेजी भाषा में हो।
आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान पाठ्य पुस्तकें तैयार करने और मातृभाषा/स्थानीय भाषाओं में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Allow students to write exams in local languages even if the course is offered in English medium: UGC to universities
— Press Trust of India (@PTI_News) April 19, 2023
आयोग ने जोर देकर कहा कि इन प्रयासों को मजबूत करना और “मातृभाषा/स्थानीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकों को लिखने और अन्य भाषाओं से मानक पुस्तकों के अनुवाद सहित शिक्षण में उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने जैसी पहल को बढ़ावा देना” आवश्यक है।
उसने कहा, “इसलिए आयोग अनुरोध करता है कि आपके विश्वविद्यालय में छात्रों को परीक्षाओं में स्थानीय भाषाओं में उत्तर लिखने की अनुमति दी जाए, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेजी माध्यम में हो, और स्थानीय भाषाओं में मूल लेखन के अनुवाद को बढ़ावा दिया जाए और विश्वविद्यालयों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाए।”
Use local language in teaching-learning process, promote translation of original writing: UGC's advice to universities
— Press Trust of India (@PTI_News) April 19, 2023