UGC-NET 2024 cancelled: पीएम नरेंद्र मोदी से मल्लिकार्जुन खड़गे ने किए सवाल; जानें विपक्षी नेताओं ने कैसे दी प्रतिक्रियाएं
By मनाली रस्तोगी | Updated: June 20, 2024 07:16 IST2024-06-20T07:15:21+5:302024-06-20T07:16:59+5:30
कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को पेपर लीक सरकार करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षा मंत्री अब जिम्मेदारी लेंगे।

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नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय द्वारा बुधवार शाम यूजीसी-नेट को रद्द करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रियंका गांधी वाद्रा और अन्य विपक्षी नेताओं ने केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में कथित अनियमितताओं को लेकर भी सरकार पर हमला बोला और पूछा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीट परीक्षा पर चर्चा कब करेंगे।
कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को पेपर लीक सरकार करार दिया और पूछा कि क्या शिक्षा मंत्री अब जिम्मेदारी लेंगे। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने यूजीसी-नेट 2024 विकास को लेकर केंद्र पर हमला बोला और जवाबदेही तय करने को कहा। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ट्वीट कर पूछा, "मोदी जी, आप परीक्षा पर चर्चा तो बहुत करते हैं, नीट परीक्षा पर चर्चा कब करेंगे?"
उन्होंने आगे कहा, "यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द करना लाखों छात्र-छात्राओं के जज्बे की जीत है। ये मोदी सरकार के अहंकार की हार है जिसके चलते उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को रौंदने का कुत्सित प्रयास किया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री पहले कहते हैं कि नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ। जब बिहार, गुजरात व हरियाणा में शिक्षा माफ़िया की गिरफ्तारियां होती हैं, तो शिक्षा मंत्री मानते हैं कि कुछ घपला हुआ है!"
.@narendramodi जी,
— Mallikarjun Kharge (@kharge) June 19, 2024
आप "परीक्षा पर चर्चा" तो बहुत करते हैं, "NEET परीक्षा पर चर्चा" कब करेंगे?
UGC-NET परीक्षा को रद्द करना लाखों छात्र-छात्राओं के जज़्बे की जीत है।
ये मोदी सरकार के अहंकार की हार है जिसके चलते उन्होंने हमारे युवाओं के भविष्य को रौंदने का कुत्सित प्रयास…
उन्होंने पूछा, "नीट की परीक्षा रद्द कब होगी? मोदी जी, नीट परीक्षा में भी अपनी सरकार की धांधली व पेपर लीक को रोकने की जिम्मेदारी लीजिए!" इस बीच कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। वहीं, शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय परीक्षाओं को निष्पक्ष रूप से आयोजित करने में बार-बार और पूर्ण विफलता एनटीए की अक्षमता को उजागर करती है।
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर लिखा, "यह एक शिक्षा आपातकाल है और इससे उन लाखों छात्रों को भी निराशा होती है जो लगन से इन प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। यह न भूलें कि वे किस मानसिक दबाव से गुजरते हैं। रद्द करना समाधान नहीं है, सरकार और एनटीए की जवाबदेही है। युवा छात्रों और उनके करियर के प्रति यह पूर्ण उपेक्षा दुर्भाग्यपूर्ण है।"
Education Emergency.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) June 19, 2024
However the central regime doesn’t care about the lakhs of students. They’re only focussed on PR. https://t.co/1Ru6irI2bu
केंद्र के आदेश पर शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे ने भी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, "शिक्षा आपातकाल। लेकिन केंद्र सरकार को लाखों छात्रों की कोई परवाह नहीं है। वे केवल पीआर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।" राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट-यूजी) 2024 का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के लिए किया गया था।
बताते चलें कि नीट-यूजी 2024 का परिणाम चार जून को घोषित किया गया था। परिणाम घोषित होते ही हंगामा मच गया और कई छात्रों ने विसंगतियों का आरोप लगाया। नीट-यूजी परीक्षा देशभर के सरकारी और निजी संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है।