UGC Draft Guidelines: एसटी, एससी, ओबीसी आरक्षित रिक्तियों को अनारक्षित नहीं किया जाएगा, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूजीसी मसौदा दिशानिर्देशों पर स्पष्टीकरण दिया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 29, 2024 11:27 AM2024-01-29T11:27:37+5:302024-01-29T11:28:20+5:30
UGC Draft Guidelines: केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के बाद अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है।
UGC Draft Guidelines: उच्च शिक्षा संस्थानों में आरक्षित पदों को भरने पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मसौदा दिशानिर्देशों पर विवाद के बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को स्पष्ट किया कि एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं किया जाएगा। प्रधान ने कहा कि केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के आने के बाद आरक्षण में अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है। प्रधान ने बताया, “एक भी आरक्षित पद अनारक्षित नहीं किया जाएगा। केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण) अधिनियम, 2019 के बाद अस्पष्टता की कोई गुंजाइश नहीं है।”
Ministry of Education tweets, "Reservation in Central Educational Institutions (CEI) is provided for all posts in direct recruitment in Teacher’s cadre as per the Central Educational Institutions (Reservation in Teachers’ Cadre) Act, 2019. After enactment of this Act, no… pic.twitter.com/1FQPY6XQOY
— ANI (@ANI) January 28, 2024
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के एक मसौदा दिशानिर्देशों में प्रस्ताव किया गया है कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) या अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित रिक्तियां इन श्रेणियों के पर्याप्त उम्मीदवार उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में ‘‘अनारक्षित घोषित’’ की जा सकती हैं। मसौदा दिशानिर्देशों को आलोचना का सामना करना पड़ा है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उच्च शिक्षा संस्थानों में पदों पर एससी, एसटी और ओबीसी को दिए गए आरक्षण को समाप्त करने की "साजिश" की जा रही और (नरेन्द्र) मोदी सरकार दलितों, पिछड़े वर्गों और आदिवासियों के मुद्दों पर "प्रतीक की राजनीति" कर रही है। जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) ने इस मुद्दे पर यूजीसी अध्यक्ष एम जगदीश कुमार के खिलाफ सोमवार को विरोध प्रदर्शन करने की घोषणा की है।