पिता बाल ठाकरे के आदेश पर राजनीति में आए उद्धव ने पर्दे के पीछे रहकर किया काम, जानें जीवन की कुछ दिलचस्प बातें

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 29, 2019 07:41 AM2019-11-29T07:41:51+5:302019-11-29T07:41:51+5:30

महाविद्यालयीन चुनाव, विश्वविद्यालय की राजनीति और व्यंग्य चित्रों के माध्यम से राज ने राजनीति में अलग पहचान बनाई. इसी दौरान फोटोग्राफी के शौकीन उद्धव से ज्यादा लोग परिचित नहीं थे. राजनीति के गलियारे में उद्धव की चहल-पहल नाममात्र की थी.

Uddhav who came into politics at the behest of Father Bal Thackeray, worked behind the scenes know about interesting things | पिता बाल ठाकरे के आदेश पर राजनीति में आए उद्धव ने पर्दे के पीछे रहकर किया काम, जानें जीवन की कुछ दिलचस्प बातें

उद्धव ठाकरे अपने पिता बाल ठाकरे के साथ।

Highlightsउद्धव को पहली बार 2002 में बृहन मुंबई नगर निगम के चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी गई और शिवसेना को इसमें भारी सफलता मिली.2012 में बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव शिवसेना के अध्यक्ष बने थे.

27 जुलाई 1960 में मुंबई में जन्मे उद्धव जेजे स्कूल से ग्रेजुएट हैं. परिवार में उनकी पत्नी रश्मि ठाकरे, 2 बेटे आदित्य और तेजस हैं. आदित्य विधायक और युवा सेना के अध्यक्ष हैं, जबकि तेजस अमेरिका में पढ़ाई कर रहे हैं. बालासाहब ठाकरे के आदेश पर वे राजनीति में सक्रिय हुए. राजनीति में राज ठाकरे उद्धव से पहले सक्रिय हुए. बालासाहब ठाकरे के पदचिह्नों पर चलते हुए राज भारतीय विद्याथी सेना के नेता थे.

महाविद्यालयीन चुनाव, विश्वविद्यालय की राजनीति और व्यंग्य चित्रों के माध्यम से राज ने राजनीति में अलग पहचान बनाई. इसी दौरान फोटोग्राफी के शौकीन उद्धव से ज्यादा लोग परिचित नहीं थे. राजनीति के गलियारे में उद्धव की चहल-पहल नाममात्र की थी. नब्बे के दशक में जब राज्य में भाजपा-शिवसेना युति की सरकार बनी तब लाखों युवकों को रोजगार देने की योजनाओं का प्रचार करने के लिए मशहूर पॉप गायक माइकल जैक्सन की संगीत-संध्या का आयोजन हो या लता मंगेशकर की संगीत-संध्या, उद्धव ने पर्दे के पीछे रहकर खामोशी से काम किया.

2002 में पहली बार दिलाई सफलता

उद्धव को पहली बार 2002 में बृहन मुंबई नगर निगम के चुनावों की जिम्मेदारी सौंपी गई और शिवसेना को इसमें भारी सफलता मिली. 2012 में बाल ठाकरे के निधन के बाद उद्धव शिवसेना के अध्यक्ष बने थे. हालांकि, इस दौरान वे ज्यादातर वक्त सामना को ही दे रहे थे. रुख बदला तो पाई कुर्सी माना जाता है कि उद्धव ने पार्टी की कमान संभालने के बाद कट्टर हिंदुत्ववादी रवैया को नरम करना शुरू कर दिया. शायद यही वजह रही कि कांग्रेस और एनसीपी जैसी पार्टियां विचारधारा में टकराव के बावजूद शिवसेना के साथ गठबंधन करने का फैसला कर सकीं. इस बार के विधानसभा चुनाव में पहली बार ठाकरे परिवार के किसी सदस्य (अपने बेटे आदित्य ठाकरे) को चुनाव मैदान में उतारकर उद्धव ने पहले ही दशकों पुरानी परंपरा तोड़ दी.

 सामना में लेख से अपनी आक्रामक छवि गढ़ी उद्धव स्वभाव से अंतर्मुखी राजनेता हैं. राजनीति में सक्रि य होने से पहले वह मीडिया से दूर रहते थे, लेकिन पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिलने के बाद भी उद्धव को छवि से बाहर आने में वक्त लगा. फिर उन्होंने पिता की तरह तेवर दिखाने शुरू किए. बयानों के साथ ही शिवसेना के मुखपत्र में लेख लिखकर पार्टी के उग्र तेवर को जारी रखा.

राज ठाकरे को प्रतिद्वंद्वी नहीं मानते एक इंटरव्यू में उद्धव ने कहा, मैं राज ठाकरे को अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं मानता हूं. पिताजी ने मुझे सिखाया है कि मेरा, तेरा, अपना-पराया कोई नहीं है. इस सवाल पर कि जब राज और नारायण राणे पार्टी से अलग हुए तो दोनों में से किसके जाने पर ज्यादा बुरा लगा? उद्धव ने कहा कि दोनों मेरे करीबी थे. राज मेरा भाई है. उसके साथ रिश्ते नहीं तोड़ सकते हैं, भले उन्होंने तोड़ा है. वह जो बात कर रहे हैं, करने दो. दोनों ने अपना-अपना रास्ता चुना है. मुझे मेरे पिता ने जो रास्ता दिखाया है, उसपर चल रहा हूं।

फोटोग्राफी को खुद के लिए मानते हैं ऑक्सीजन

फोटोग्राफी से उद्धव के लगाव को इस बात से समझा जा सकता है कि पुणे के कार्यक्रम में कहा था, फोटोग्राफी मेरे लिए ऑक्सीजन की तरह है.

कोई कुछ भी कहे मैं फोटोग्राफी नहीं छोड़ सकता. वाइल्ड लाइफ और नेचर फोटोग्राफी उनके पसंदीदा विषय हैं. उद्धव ने अपनी तस्वीरों के संकलन को 'महाराष्ट्र देशा' नाम की एक किताब के रूप में सबके सामने रखा.

 'शून्य' तापमान में पोलर बियर की तस्वीर खींची 'महाराष्ट्र देशा' में महाराष्ट्र के 27 बड़े किलों की एरियल व्यू की तस्वीर है. आसमान से किलों की तस्वीरें खींचने के लिए उद्धव ने रक्षा मंत्रालय से क्लियरेंस लिया था. एक इंटरव्यू में उद्धव ने कहा था कि वह सक्रि य ज्वालामुखी, अंटार्कटिक प्रदेश और माउंट एवरेस्ट की तस्वीरें कैमरे में कैद करना चाहते हैं.

इससे पहले 2008 में उन्होंने इंफ्रारेड तकनीक का इस्तेमाल कर कनाडा के हडसन बे में 'शून्य' तापमान पर पोलर बियर और कम्बोडिया के मंदिरों की तस्वीरें खींची थीं.

Web Title: Uddhav who came into politics at the behest of Father Bal Thackeray, worked behind the scenes know about interesting things

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